अयोध्या: बाहर से आने वाले मरीज यहां डॉक्टर बनर्जी के क्लीनिक में अतिरिक्त दवाएं देने के लिए कह रहे हैं क्योंकि उन्हें अंदेशा है कि राम जन्मभूमि - बाबरी मस्जिद विवाद पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद मुश्किल हालात बन सकते हैं और वह दूसरी बार जल्द नहीं आ सकेंगे। इंद्रनील बनर्जी उनसे भरोसा रखने के लिए कहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सब ठीक है। ईश्वर की कृपा होगी, भविष्य में भी सबकुछ अच्छा होगा।’’
उन्होंने पीटीआई-भाषा से गुरुवार को कहा, ‘‘माहौल मोटेतौर पर सामान्य है। लोगों को थोड़ी आशंकाएं हैं, लेकिन वे डरे हुए नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या में चाहें हिंदू हों या मुसलमान, सभी शांति और शहर का विकास चाहते हैं। हिंदू और मुस्लिमों ने तय किया है कि यहां उनके बीच कोई टकराव नहीं होगा।’’ बनर्जी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि टकराव तभी होगा जब बाहरी तत्व यहां की शांति भंग करने आएंगे।’’ लेकिन उनके कुछ मरीज भयभीत हैं। उन्होंने बताया, ‘‘मेरे पास पड़ोस के जिलों और अयोध्या के दूरदराज के इलाकों से मरीज आते हैं। वे सभी कहते हैं कि डॉक्टर साहब 15 दिन की अतिरिक्त दवा दे दीजिए, ताकि हम फिर इस महीने के अंत में दोबारा आएं।’’
अयोध्या में राम जन्मभूमि - बाबरी मस्जिद विवाद पर उच्चतम न्यायालय का फैसला 17 नवंबर से पहले आने का अनुमान है। 17 नवंबर को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई सेवानिवृत्त हो रहे हैं। बनर्जी को उम्मीद है कि ये एक ‘‘सौहार्दपूर्ण समाधान’’ होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या में लोग विवाद का जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं। मंदिर मुद्दे से अयोध्या में अच्छाई के मुकाबले नुकसान ही ज्यादा हुआ है। कारोबार फैजाबाद चला गया है। युवा कारोबारी यहां अपने उपक्रम लगाना नहीं चाहते।’’ स्थानीय दुकानदार श्रीप्रकाश सिंह अपने कारोबार को लेकर चिंतित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले एक साल से बाजार में मंदी की वजह से कारोबार अच्छा नहीं रहा है। अब एक महीने से अयोध्या फैसले के चलते हमारा कारोबार प्रभावित हो रहा है क्योंकि दूसरों शहरों में अयोध्या को लेकर डर है।’’ उनके मुताबिक अयोध्या के कारोबारियों को उनसे उधारी पर सामान नहीं मिल रहा है। सरकारी विद्यालय में खेल के अध्यापक कृष्ण नाथ सिंह ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पिछले वर्षों के मुकाबले अयोध्या में हालात पूरी तरह सामान्य हैं। किसी को डरने की जरूरत नहीं।’’
हनुमानगढ़ी के पास दुकान चलाने वाले प्रज्ज्वल सिंह ने कहा कि उन्हें किसी तरह का डर नहीं लग रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में मैं इस ऐतिहासिक फैसले का उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं। अयोध्या के निवासी खुले दिल से इस फैसले का स्वागत करेंगे। हमें यह समझने की जरूरत है कि हमें अपने अतीत को पीछे छोड़कर स्वर्णिम भविष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए।’’
तुलसी उद्यान के पास क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर उदय सिंह ने फैसले के बाद किसी तरह की अशांति से इनकार किया। दूसरो ओर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती लोगों के मन में आशंकाओं को जन्म भी दे रही है। एक अध्यापक सौरभ सिंह ने कहा, ‘‘एक तरफ प्रशासन और राज्य सरकार कह रही है कि सबकुछ सामान्य रहेगा, और दूसरी तरफ भारी सुरक्षाबल तैनात करके अयोध्या को छावनी में तब्दील किया जा रहा है।’’
एक अन्य अध्यापक जीशान किदवई ने कहा कि प्रशासन कह रहा है कि सबकुछ सामान्य रहेगा, लेकिन अभिभावक फैसले वाले दिन अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अफजल अहमद ने कहा कि मुस्लिम समुदाय में किसी तरह का भय नहीं है, क्योंकि दोनों समुदाय वर्षों से साथ मिलकर रहते आए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार को मुसलमानों के बीच सुरक्षा की भावना बढ़ानी चाहिए।