बरेली। बरेली जिले के ग्रामीण क्षेत्र में खेत की सिंचाई करने गए पिता-पुत्र की वहां पड़े हाईटेंशन तार के करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। इस घटना से नाराज लोगों ने विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और आंवला-बरेली मार्ग पर जाम लगा दिया। प्रशासन के हस्तक्षेप से चार घंटे बाद जाम खुला।
पुलिस सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि आंवला-बरेली मार्ग पर 132 किलोवाट के विद्युत उपकेंद्र के पीछे सालिगराम मौर्य (50) का खेत है। बुधवार को वह बेटे विकास उर्फ बिट्टू (18) के साथ खेत पर सिंचाई करने गए थे। बुधवार देर शाम जब वे दोनों घर नहीं लौटे तो उनकी पत्नी जावित्री ने अपने दामाद रामचंद्र मौर्य को खेत पर देखने के लिए भेजा। उन्होंने बताया कि खेत के ऊपर से हाईटेंशन समेत कई लाइनें गुजर रही हैं। जब मौर्य खेत पर पहुंचा तो देखा कि वहां पिता-पुत्र खेत में गिरे तार से करंट लगने के कारण तड़प रहे थे। उसने 132 केवीए विद्युत उपकेंद्र पर पहुंचकर सप्लाई बंद करने को कहा। आरोप है कि इस पर विद्युत उपकेंद्र के स्टाफ ने कहा कि पहले लिखकर दो, तब सप्लाई बंद की जाएगी। इस बीच, पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो गई।
सूत्रों के अनुसार, इसके बाद बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर पहुंच गए और विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आंवला-बरेली मार्ग पर जाम लगा दिया। उप जिलाधिकारी विशु राजा और पुलिस क्षेत्राधिकारी रामप्रकाश ने समझाकर लोगों को शांत कराया। करीब चार घंटे बाद जाम खुला। उप जिलाधिकारी विशु राजा ने बताया कि सालिगराम की पत्नी जावित्री की तहरीर पर विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता समेत बिजली विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं।