नोएडा: केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग करते हुए मंगलवार को देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे। बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा घटना में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे और इस मामले में अजय मिश्रा का पुत्र आरोपी है। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने कहा कि इस प्रदर्शन का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किया गया है। मोर्चा विभिन्न किसान संघों का समूह है और नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है। बीकेयू भी इस आंदोलन का हिस्सा है।
बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि देश के प्रत्येक जिले के प्रशासनिक मुख्यालयों पर प्रदर्शन होंगे। इसके अलावा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को उनके पद से हटाने की मांग के साथ सरकार को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा उन्होंने कहा कि विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़े सभी किसान समूह अखिल भारतीय प्रदर्शन का समर्थन करेंगे। ज्ञापन के माध्यम से, किसान एक बार फिर इन कानूनों को वापस लेने की अपील करेंगे।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय और जिला स्तर पर किसानों के सामने आने वाले स्थानीय मुद्दों को भी मंगलवार के प्रदर्शन के दौरान उठाया जाएगा। इस बीच राकेश टिकैत ने आगरा में अरुण नारवार के परिवार से भेंट की और उनके परिवार को 40 लाख रुपये मुआवजा तथा एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग की। गौरतलब है कि अरुण की 19 अक्टूबर को आगरा में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। पुलिस ने जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के सिलसिले में अरुण को हिरासत में लिया था।
नारवार परिवार से मिलने के बाद टिकैत ने पत्रकारों से कहा, ‘‘राज्य सरकार मुआवजा देने में भेदभाव कर रही है। उसने लखीमपुर खीरी और कानपुर में 40-45 लाख रुपये की सहायता दी है, लेकिन आगरा में सरकार ने महज 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार को अरुण के परिवार को भी 40 लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए। सरकार को भेदभाव नहीं करना चाहिए।’’
उन्होंने नारवार परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और अरुण के मौत की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की। कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी नीत सरकार पर निशाना साधते हुए टिकैत ने कहा, ‘‘मैं किसानों से अनुरोध करूंगा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट न दें। संयुक्त किसान मोर्चा राज्य के विधानसभा चुनावों में बीजेपी का विरोध करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा चुनाव में हम न तो कोई उम्मीदवार उतारेंगे और न ही किसी राजनीतिक दल का समर्थन करेंगे।’’ टिकैत ने कहा कि केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ उनका विरोध प्रदर्शन समस्या सुलझने तक जारी रहेगा और इसे लेकर हम केन्द्र सरकार से बातचीत करने को भी तैयार हैं।