लखनऊ। किसानों के एक संगठन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रविवार को पत्र लिखकर 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गन्ना किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाते हुए अगले महीने आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वी.एम. सिंह ने मुख्यमंत्री योगी को लिखे पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान वादा किया था कि गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन के अंदर किया जाएगा, नहीं तो बकाया पर ब्याज दिया जाएगा, मगर अब साढ़े चार साल होने को आए लेकिन वह वादा अभी तक पूरा नहीं किया गया।
उन्होंने पत्र में कहा "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से कहा था कि अगर हमारी सरकार आती है तो हम 14 दिन में गन्ना किसानों का बकाया भुगतान करेंगे नहीं तो ब्याज देंगे। उस वादे पर यकीन करते हुए किसानों ने भाजपा की सरकार बनवाई लेकिन ना तो 14 दिन में भुगतान मिला और ना ही ब्याज का वादा निभाया गया। गन्ना किसान प्रधानमंत्री के वादे पर अमल का साढ़े चार साल तक इंतजार करते रहे।"
उन्होंने पत्र में कहा कि अगर प्रधानमंत्री द्वारा किए गए वादे को जल्द पूरा नहीं किया गया तो किसान आगामी छह जुलाई से 12 जुलाई तक सभी जिलों में जिलाधिकारी कार्यालय, उप जिलाधिकारी कार्यालय, तहसील दफ्तर तथा गन्ना समिति परिसर में धरना देंगे। उन्होंने कहा कि उसके बाद 15 जुलाई को लखनऊ में गन्ना आयुक्त कार्यालय पर आंदोलन किया जाएगा।
सिंह ने सरकार से मांग की कि पेराई सत्र 2020-21 का संपूर्ण गन्ना मूल्य तत्काल चुकाया जाए, वर्ष 2011-12 के ब्याज का भुगतान 15 फीसद की दर से हो और 2012-13 से 2014-15 तक के ब्याज का भुगतान गन्ना आयुक्त के मार्च 2019 के आदेश के तहत किया जाए, जबकि पेराई सत्र 2015-16 से 2020-21 तक का ब्याज का भुगतान 15 फीसद प्रतिवर्ष की दर से किया जाए और इसके अलावा गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल सुनिश्चित किया जाए।