नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में चौदह कोसी परिक्रमा की शुरुआत हो चुकी है। इसमें भारी तादाद में श्रद्धालु अलग अलग शहरों से अयोध्या पहुंचे हैं। इस दौरान अयोध्या में सुरक्षा के भी चाक-चौबंद इंतज़ाम किए गए हैं। सुरक्षा को देखते हुए ड्रोन कैमरों से परिक्रमा की निगरानी की जा रही है। हर साल दीपावली के नौवें दिन लाखों श्रद्धालु यहां आकर अयोध्या के चारों तरफ नंगे पैर पैदल चलकर परिक्रमा पूरी करते हैं। अब ये चौदह कोसी परिक्रमा 17 नवंबर यानी कल ख़त्म होगी।
परिक्रमा को लेकर आसपास के जिलों से ट्रैक्टरों-बसों व ट्रेन समेत निजी साधनों से भक्तों का आना बृहस्पतिवार से शुरू हो गया है। देर शाम तक राम नगरी समेत परिक्रमा पथ पर जगह-जगह श्रद्धालुओं का डेरा सजने लगा है। श्रद्धालुओं ने मठ-मंदिरों में पूजन-अर्चन किया।
परिक्रमार्थियों की सुुविधाओं के लिए प्रशासन की तैयारियों के दावे के बीच परिक्रमा की पूर्व संध्या पर परिक्रमा मार्ग को दुरुस्त करने का कार्य किया जाता रहा। जनौरा, हलकारा का पुरवा सहित गुप्तारघाट से अयोध्या के बीच ऐसे कई स्थल हैं, जहां व्यवस्थाएं अब भी नाकाफी हैं।
किवदंतियों के अनुसार भगवान श्रीराम के चौदह वर्ष के वनवास से अपने को जोड़ते हुए अयोध्यावासियों ने प्रत्येक वर्ष के लिए एक कोस परिक्रमा की होगी। इस प्रकार चौदह वर्ष के लिए चौदह कोस परिक्रमा पूरा किया होगा। तभी से यह परंपरा बन गई और उस परंपरा का निर्वाह करते हुए आज भी कार्तिक की अमावस्या अर्थात दीपावली के नौवें दिन लाखों श्रद्धालु यहां आकर करीब 42 किलोमीटर अर्थात 14 कोस की परिक्रमा एक निर्धारित मार्ग पर अयोध्या और फैजाबाद नगर का चौतरफा पैदल नंगे पांव चलकर अपनी-अपनी परिक्रमा पूरा करते हैं।