लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिसकर्मियों की गोलियों के शिकार हुए विवेक तिवारी का रविवार को यहां बैकुंठधाम में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौके पर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक और क्षेत्रीय भाजपा विधायक आशुतोष टण्डन भी मौजूद थे। इस बीच बहुराष्ट्रीय कम्पनी एप्पल के अधिकारी तिवारी की हत्या मामले में गठित विशेष जांच टीम (SIT) ने रविवार को जांच शुरू कर दी।
लखनऊ जोन के पुलिस महानिरीक्षक सुजीत पाण्डेय ने यहां संवाददाताओं को बताया कि एसआईटी और फोरेंसिक टीम ने उस जगह पर पहुंचकर तफ्तीश शुरू की जहां शुक्रवार/शनिवार की मध्यरात्रि को पुलिस कांस्टेबल प्रशांत चौधरी द्वारा चलाई गोली लगने से विवेक तिवारी की मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि टीम ने पुलिस की मोटरसाइकिल गिरने के स्थान का जायजा लेने के साथ-साथ हर चीज की विस्तार से जांच की। मौके पर मौजूद शीशे के टुकड़े एकत्र किए। टायर के निशान और जहां गाड़ी टकराई, वहां की नापजोख वगैरह की गई है। जांच में ये चीजें बहुत महत्वपूर्ण हो सकती हैं।
पाण्डेय ने कहा कि जो प्रत्यक्षदर्शी आज मौके पर नहीं पहुंचे, उन्हें बाद में ले जाया जाएगा। हमारे सामने जो मुद्दे हैं, उन पर अभी बहुत काम किया जाना बाकी है। हर पहलू की जांच के बाद ही हम रिपोर्ट देंगे। लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने इस मौके पर बताया कि उनकी विवेक तिवारी के परिजन से बात हुई है। लेकिन उन्होंने उसका ब्यौरा प्रेस से साझा नहीं किया। उन्होंने कहा कि एसआईटी सभी परिस्थितियों की जांच करेगी।
उन्होंने हत्यारोपी पुलिसकर्मी प्रशांत चौधरी का जिक्र आने पर कहा कि पुलिस बल में ऐसे तत्व बहुत कम हैं। प्रदेश के पास अच्छा पुलिस बल है। उसमें इस तरह के गलत तत्व हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करना हमारी जिम्मेदारी है। इस सवाल पर कि कुछ पुलिसकर्मियों ने प्रशांत चौधरी के बचाव में चंदा एकत्र कर उसकी पत्नी के खाते में डाला है, कृष्ण ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
तिवारी के अंतिम संस्कार में मौजूद कानून मंत्री बृजेश पाठक ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि यह वारदात दुर्भाग्यपूर्ण है और संकट की इस घड़ी में सरकार तिवारी के परिजन के साथ खड़ी है। सरकार परिवार को जल्द न्याय दिलाने के लिए हत्यारोपी पुलिसकर्मियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार के मुकदमे की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में कराने की कोशिश करेगी। साथ ही गृह विभाग के प्रमुख सचिव और पुलिस महानिदेशक से कहा जाएगा कि बड़े शहरों में संवेदनशील पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाए।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि कीमती जान के नुकसान की कोई माफी नहीं हो सकती। वह तिवारी की दो छोटी बच्चियों, उनकी पत्नी तथा परिवार के सदस्यों को लेकर बेहद गमजदा हैं। इस घटना को अंजाम देने वाले पुलिसकर्मियों का यह आपराधिक बर्ताव अक्षम्य है। हम ऐसे वर्दीधारियों को सजा देने के लिए संकल्पबद्ध हैं, जिन्होंने हमें शर्मसार किया है।
गौरतलब है कि लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में कथित तौर पर वाहन नहीं रोकने पर एक सिपाही ने विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मी प्रशांत चौधरी और संदीप के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों को बर्खास्त भी कर दिया गया है। तिवारी की पत्नी कल्पना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई से जांच की मांग की है। साथ ही सरकारी नौकरी और परिवार का भविष्य सुरक्षित करने के लिए एक करोड़ रुपये के मुआवजे की भी मांग की है।
मुख्यमंत्री योगी ने इस घटना पर कहा है कि प्रथम दृष्ट्या दोषी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। आवश्यकता पड़ेगी तो मामले की सीबीआई जांच कराई जाएगी।