लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में केवल स्वास्थ्य कर्मियों को ही नहीं बल्कि प्रत्येक कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पेशल टीम-11 महामारी अधिनियम 1897 में बदलाव करने पर विचार कर रही है। इसके तहत प्रदेश में केवल स्वास्थ्य कर्मियों को ही नहीं बल्कि कोरोना जंग में लगे सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार इसके लिए कड़ा कानून बनाने की तैयारी कर रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार एपिडमिक डिजीज कंट्रोल ऑर्डिनेंस 2020 लेकर आ रही है। इसमें कोरोना महामारी को देखते हुए क्वॉरन्टीन से भागने, लॉकडाउन तोड़ने एवं इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए कठोर सजा का प्रावधान किया जाएगा।
चिकित्सकों, सफाई कर्मियों, पुलिसकर्मियों एवं सभी कोरोना वॉरियर्स के विरुद्ध आक्रमण करने पर, थूकने, आइसोलेशन तोड़ने के लिए कठोर सजा का प्रावधान भी इसमें किया जाएगा। केंद्र सरकार ने भी हाल ही में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा हेतु एपेडेमिक एक्ट 1897 में संशोधन करने वाला अध्यादेश जारी किया है।
यूपी में जिस क़ानून पर चर्चा हो रही है उसके तहत किसी भी कोरोना वॉरियर के साथ किसी भी तरह की अभद्रता करने पर 7 साल तक की सजा और 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इस कानून को लाए जाने के पीछे स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मियों के साथ ही साथ हर कोरोना वॉरियर्स को सुरक्षा देने की मंशा है।