नई दिल्ली: सांसद से भूमाफिया बन चुके समाजवादी पार्टी के आज़म खान पर सरकारी शिकंजा कसता जा रहा है। अब प्रवर्तन निदेशालय भी उनके खिलाफ़ जांच में जुट गया है और उसने रामपुर के प्रशासन से अब तक की कार्रवाई के साथ आज़म की सारी संप्तियों का ब्यौरा मांग लिया है। हालांकि ज़मीन हड़पने के आरोपों के बाद आज़म ख़ान कह रहे हैं कि वो बहुत गरीब है। ईडी को जांच में कुछ भी नहीं मिलेगा। बता दें कि उनपर 25 से ज़्यादा किसानों की ज़मीन हड़पने का आरोप है।
प्रवर्तन निदेशालय ने आज़म की पूरी संपत्ति और अब तक हुई कार्रवाईयों का पूरा ब्यौरा रामपुर प्रशासन से मांगा है। एक ओर आज़म पर ईडी का शिकंजा कसने लगा है तो दूसरी ओर उनके ट्रस्ट को दी गई प्रॉप्रटी की लीज़ कैंसिल करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी की सरकार के वक्त सौ साल पुराने आलिया मदरसा की बिल्डिंग और मुर्तुजा स्कूल की बिल्डिंग आजम खान के जौहर ट्रस्ट को लीज पर दी गई थी।
इनमें से एक बिल्डिंग में आजम का स्कूल है जबकि दूसरी बिल्डिंग उनकी राजनीतिक गतिविधियों का अड्डा। वहीं आज़म खान का आरोप है कि उन्हें मोदी लहर में भी रामपुर का किला फतह करने की सज़ा मिल रही है। इसमें पुलिस-प्रशासन भी सरकार के हाथों की कठपुतली बना है।
वहीं दूसरी तरफ बुधवार को पुलिस ने पड़ोसी के घर में घुसकर हमला करने के आरोप में उनके भांजे को गिरफ्तार किया है। दरअसल गंज कोतवाली क्षेत्र में आजम खां का घर है जिनके पड़ोसी आरिफ ने साल भर पहले पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
आरोप था कि उनके घर के गेट के सामने आज़म की कार खड़ी करने का जब उन्होंने विरोध किया तो आज़म के भांजे फरहान ने दो लोगों के साथ मिलकर घर पर हमला कर दिया जिसकी जांच हुई और पुलिस ने आज़म खान के भांजे समेत 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। खास बात ये कि आज़म खान इस मामले में भी आरोपी हैं।