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डॉक्टर कफील जेल से रिहा, अदालत और शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा किया

dr kafeel khan released from mathura jail: इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के करीब 12 घंटे बाद डॉक्टर कफील खान आखिरकार मथुरा जेल से मंगलवार देर रात रिहा हो गए।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : September 02, 2020 7:04 IST
Dr. Kafeel Khan
Image Source : FILE Dr. Kafeel Khan

dr kafeel khan released from mathura jail: लखनऊ/मथुरा/अलीगढ़। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के करीब 12 घंटे बाद डॉक्टर कफील खान (dr kafeel khan) आखिरकार मथुरा जेल से मंगलवार देर रात रिहा हो गए। कफील के वकील इरफान गाजी ने बताया कि मथुरा जेल प्रशासन ने रात करीब 11 बजे उन्हें यह सूचना दी कि डॉक्टर कफील को रिहा किया जा रहा है। उसके बाद रात करीब 12 बजे उन्हें रिहा कर दिया गया। 

जेल से रिहाई के बाद कफील ने अदालत का शुक्रिया अदा किया। साथ ही कहा कि वह उन तमाम शुभचिंतकों के भी हमेशा आभारी रहेंगे जिन्होंने उनकी रिहाई के लिए आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि प्रशासन उन्हें अब भी रिहा करने को तैयार नहीं था लेकिन लोगों की दुआ की वजह से वह रिहा हुए हैं, मगर आशंका है कि सरकार उन्हें फिर किसी मामले में फंसा सकती है। कफील ने कहा कि वह अब बिहार और असम के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जाकर पीड़ित लोगों की मदद करना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने कहा था कि राजा को राजधर्म निभाना चाहिए लेकिन उत्तर प्रदेश में राजा राज धर्म नहीं निभा रहा बल्कि वह 'बाल हठ' कर रहा है।’’ 

कफील ने कहा कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में हुए ऑक्सीजन कांड के बाद से ही सरकार उनके पीछे पड़ी है और उनके परिवार को भी काफी कुछ सहन करना पड़ा है। कफील संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले साल अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत करीब साढ़े सात महीने से मथुरा जेल में बंद थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की पीठ ने कफील को तत्काल रिहा करने के आदेश दिये थे। हालांकि कफील की तत्काल रिहाई नहीं हो सकी। उनके वकीलों तथा परिजन की तमाम कोशिशों के बाद मंगलवार रात करीब 12 बजे कफील को मथुरा जेल से रिहा किया गया। इससे पहले, कफील को फिर से किसी और इल्जाम में फंसाने की साजिश से आशंकित परिजन ने बुधवार को उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर करने का फैसला किया था। 

उच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद कफील के परिजन उनकी रिहाई के लिये मथुरा जेल पहुंचे थे लेकिन अधिकारियों ने आदेश न मिलने का हवाला देते हुए उन्हें रिहा करने से इनकार कर दिया था। कफील के भाई अदील खां ने अधिकारियों पर टालमटोल का आरोप लगाते हुए आशंका जतायी थी कि कहीं प्रशासन उनके भाई को किसी और इल्जाम में फंसाने की साजिश तो नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर आज कफील को जेल से रिहा नहीं किया गया तो वह बुधवार को उच्च न्यायालय में अवमानना की याचिका दाखिल करेंगे। इस बीच, मथुरा के जिलाधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्र ने कहा कि उच्च न्यायालय का जो भी आदेश होगा, उसका समुचित अनुपालन किया जाएगा। चूंकि कफील पर रासुका की कार्यवाही अलीगढ़ के जिलाधिकारी ने की थी, लिहाजा रिहाई के बारे में उनसे बात की जाए। उधर, अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह से कई बार बात करने की कोशिश की गयी लेकिन बात नहीं हो सकी। 

गौरतलब है कि अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से आक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत के मामले के बाद कफील चर्चा में आये थे । डॉक्टर कफील खान को पिछले साल दिसम्बर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए के विरोध में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें मथुरा जेल भेजा गया था। फरवरी में उन्हें अदालत से जमानत मिल गयी थी, मगर जेल से रिहा होने से ऐन पहले 13 फरवरी को उन पर रासुका के तहत कार्यवाही कर दी गयी थी, जिसके बाद से वह जेल में थे। कफील की रासुका अवधि गत छह मई को तीन माह के लिये बढ़ाया गया था। गत 16 अगस्त को अलीगढ़ जिला प्रशासन की सिफारिश पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने गत 15 अगस्त को उनकी रासुका की अवधि तीन माह के लिये और बढ़ा दी थी।

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