नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कम टीकाकरण वाले 40 से अधिक जिलों के जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में टीकों का दायरा बढ़ाने के लिए अभिनव तरीके अपनाने की जरूरत रेखांकित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज तक जितनी प्रगति हमने की वह सब आपकी मेहनत से हुई है। लोगों ने दूरदराज के इलाकों में पैदल चलकर वैक्सीन पहुंचाई है लेकिन 1 बिलियन के बाद अगर हम थोड़े भी ढीले पड़ गए तो नया संकट आ सकता है। इसलिए हमारे यहां कहा जाता है कि बीमारी और दुश्मन को कम नहीं आंकना चाहिए।
घर-घर जाकर लगाया जाएगा टीका
उन्होंने कहा कि अब हर उस घर में दस्तक दी जाएगी जहां अब तक कोविड वैक्सीन की दोनों डोज़ नहीं लगी है। अब हर घर टीका, घर-घर टीका इस जज्बे के साथ हम सबको घर-घर पहुंचना है। प्रधानमंत्री ने टीकाकरण के संबंध में जागरुकता फैलाने के लिए धार्मिक नेताओं की मदद लेने पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने इटली की अपनी हालिया यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, "मैंने हाल में वैटिकन में पोप फ्रांसिस से मुलाकात की, टीकों के बारे में धार्मिक नेताओं के संदेश को जनता तक ले जाने पर विशेष जोर देना चाहिए।"वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित बैठक में उन जिलों के अधिकारी शामिल रहे जहां पर 50 फीसदी से भी कम पात्र लाभार्थियों को टीके की पहली खुराक मिली है और दूसरी खुराक लगवाने वाले लोगों की संख्या भी जहां पर कम है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि ये 40 जिले झारखंड, मणिपुर, नगालैंड, अरूणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और मेघालय समेत अन्य राज्यों से हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 और सीओपी26 बैठकों में शामिल होकर विदेश से लौटने के तुरंत बाद यह बैठक की।
उन्होंने जिलों के अधिकारियों से कहा, "अब तक आप, लोगों को टीकाकरण केंद्रों तक ले जाने के लिए काम कर रहे थे, अब समय आ गया है कि टीका घर-घर पहुंचाया जाए। अब तक जिन्हें टीका नहीं लगा है उन्हें इसकी पहली खुराक देना सुनिश्चित करें लेकिन दूसरी खुराक देने पर भी उतना ही ध्यान दें।" टीकाकरण के दायरे और रफ्तार दोनों बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल में कहा था कि देश में 10.34 करोड़ से अधिक संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने निर्धारित तारीख के बाद भी कोविड रोधी टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है।