लखनऊ: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर पार्टी के विधायकों के साथ बैठक कर रणनीति पर चर्चा की। बाद में देर शाम आयोजित रात्रिभोज में चाचा और विधायक शिवपाल यादव और निर्दलीय विधायक राजा भैय्या भी शमिल हुए।
इससे पहले अखिलेश ने पार्टी विधायकों और नेताओं की बैठक में कहा, ''भाजपा मनमानी पर उतारू है। यदि भाजपा में जरा भी नैतिकता और लोकतांत्रिक मूल्यों की परवाह होती तो वह राज्यसभा के लिए नौवां प्रत्याशी नहीं उतारती। लगता है कि भाजपा को कदाचार से कोई परहेज नहीं है।'' भाजपा ने एक अतिरिक्त उम्मीदवार के रूप में बड़े व्यावसायी अनिल कुमार अग्रवाल को मैदान में उतारा है। राज्यसभा चुनाव 23 मार्च को होना है।
बाद में देर शाम सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने कहा, ''मैं राज्य सभा में मतदान करूंगा और सपा और सपा द्वारा समर्थित बसपा दोनों उम्मीदवार जीतेंगे। मेरा आर्शिवाद हमेशा अखिलेश के साथ है।''
गौरतलब है कि इससे पहले यह कयास लगाये जा रहे थे कि शिवपाल यादव रात्रि भोज में शामिल नहीं होंगे। निर्दलीय विधायक राजा भैय्या ने भी रात्रिभोज में शामिल होकर सपा बसपा उम्मीदवार को समर्थन देने की बात कही।
रात्रिभोज में पार्टी की प्रत्याशी जया बच्चन और सांसद डिंपल यादव भी मौजूद थी। सांसद नरेश अग्रवाल के साथ हाल में भाजपा में शामिल हुए उनके पुत्र और सपा विधायक नितिन अग्रवाल इस रात्रि भोज में शामिल नहीं हुए, वह मुख्यमंत्री योगी आदित्नयनाथ द्वारा आयोजित भाजपा विधायकों की बैठक में शामिल हुए।
इससे पहले दिन में हुई बैठक के बाद वरिष्ठ सपा विधायक पारसनाथ यादव ने पत्रकारो से कहा, ''हम जानते है कि कैसे चुनाव लड़ा जाता है। हमारा प्रत्याशी चुनाव जीत रहा है और हम अपने दूसरे बसपा प्रत्याशी की जीत के प्रति भी सुनिश्चित है।'' उनसे जब पूछा गया कि बैठक में कितने पार्टी विधायक गैर हाजिर थे तो उन्होंने जवाब दिया कि केवल दो विधायक गैर हाजिर थे। समाजवादी पार्टी के 47 विधायक है।
उधर, दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं का दावा है कि नरेश अग्रवाल के करीबी सपा के कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते है, जबकि सपा का खेमा अपनी प्रत्याशी जया बच्चन और बसपा प्रत्याशी भीमराव आंबेडकर की जीत के प्रति आश्वस्त है। राज्यसभा चुनाव में एक सीट के लिए 37 वोटों की जरूरत है। सूत्रों के मुताबिक आज दिन में हुई सपा विधायकों की बैठक में विधायक आजम खान, उनके पुत्र विधायक अब्दुल्ला आजम और जेल में बंद विधायक हरिओम भी मौजूद नहीं थे, लेकिन इन सबको पार्टी अपने खेमे में मान रही है।