लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2600 करोड़ रुपए के भविष्य निधि घोटाले से हड़कंप मच गया है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों की भविष्य निधि के करीब 2600 करोड़ रुपये का अनियमित तरीके से निजी संस्था डीएचएफएल में कथित निवेश किए जाने के खुलासे के बाद सरकार हरकत में आ गई है। इस बीच यूपी पुलिस ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के पूर्व एमडी एपी मिश्रा को कल देर रात गिरफ्तार कर लिया है। उनसे किसी अज्ञात स्थान पर पुलिस पूछताछ कर रही है। यूपी पुलिस गोमतीनगर और अलीगंज के आवास और दफ़्तर पर नज़र बनाये हुए थी।
इसके अलावा शासन ने सोमवार देर रात सचिव ऊर्जा और उप्र पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की प्रबंध निदेशक अपर्णा यू को उनके पद से हटा दिया है और उनकी जगह पर वरिष्ठ अधिकारी एम देवराज को कमान सौंपी गयी है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों की भविष्य निधि के करीब 2600 करोड़ रुपये का अनियमित तरीके से निजी संस्था डीएचएफएल में कथित निवेश किए जाने के खुलासे के बाद यह कदम शासन द्वारा उठाया गया है। फिलहाल ईओडब्ल्यू इस घोटाले की जांच कर रही है। वहीं यूपी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
अखिलेश के करीबी हैं मिश्रा
हिरासत में लिए गए पूर्व एमडी अयोध्या प्रसाद मिश्रा सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। सपा सरकार के दौरान मिश्रा को नियम विरुद्ध तीन एक्सटेंशन मिले थे। अखिलेश यादव से बेहद प्रभावित मिश्रा ने अखिलेश यादव पर किताब लिखी थी। इस किताब का विमोचन 5 कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर ही किया गया था। हालांकि मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ ने मिश्रा को विभाग से बर्खास्त कर दिया था।
ऊर्जा मंत्री को हटाने की मांग
सोमवार देर रात एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र से प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे एम देवराज को सचिव ऊर्जा व प्रबंध निदेशक उप्र पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की कमान सौंपी गयी है जबकि अपर्णा यू को सचिव सिंचाई विभाग का काम सौंपा गया है। इस कथित घोटाले के खुलासे के बाद से ही विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस लगातार प्रदेश सरकार पर हमलावर हैं और उर्जा मंत्री को हटाये जाने की मांग कर रहे हैं। सोमवार को ही उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और सपा विधायक राम गोविंद चौधरी ने बलिया में बिजलीकर्मियों की भविष्य निधि में हुए 2600 करोड़ के कथित घोटाले के मामले में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और विभाग के प्रमुख सचिव को बर्खास्त कर जेल भेजने तथा घोटाले की उच्च न्यायालय के किसी सेवारत जज से कराने की मांग की है।