अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम की नगरी अयोध्या दीपोत्सव की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को सरयू के सभी घाट सातरंगों के बिजली बल्बों से जगमगा रहे हैं। इस घाटों पर पर्यटकों का जमवाड़ा लगा हुआ है। हनुमानगढ़ी, रामदास की छावनी, दशरथ महल, रामबल्लभ कुंज, बड़े भक्त हनुमान समेत चिह्न्ति सभी बड़े मंदिरों में हुई लाइटिंग व्यवस्था से जहां श्रीराम भक्त प्रसन्न हैं, वहीं पूरी अयोध्या भगवान श्रीराम के प्रतीकात्मक राज्याभिषेक की तैयारी में जुटी है।
दीपोत्सव को भगवान राम के रूपों को दिखाने के लिए हर कोशिश जारी है। किसी रथ पर दीपावली का स्लोगन है तो किसी पर भगवान राम रावण का संहार करते हुए दिख रहे हैं। कारीगर रथों को अंतिम रूप दे रहे हैं। अवध विश्वविद्यालय के स्वयंसेवियों ने निर्धारित अन्य 12 घाटों पर दीयों को सजाया है। उधर, साकेत महाविद्यालय में सजे 11 रथों पर भगवान श्रीराम से जुड़े 11 प्रसंगों को आधारित श्रीरामलीला कमेटियों की तैयारियां भी पूरी हैं। रथों पर हुई रोशनी की व्यवस्था लोगों का मन मोह रही है।
अयोध्या में शनिवार को दीपोत्सव, 5 लाख 51 हजार दीप जलेंगे
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अयोध्या में शनिवार को सुबह 10 से 2 बजे तक भगवान श्रीराम के लीला चरित्र से जुड़ी विभिन्न झांकियों समेत भव्य शोभायात्रा निकलेगी। यह यात्रा साकेत महाविद्यालय से शुरू होकर रामकथा पार्क में समाप्त होगी। इसमें कई देशों के कलाकार भाग लेंगे। मुख्यमंत्री पौने चार बजे से चार बजे तक शोभायात्रा का अवलोकन करेंगे।
उन्होंने बताया कि इसके बाद श्रीराम-सीता का रामकथा पार्क में हेलीकप्टर से प्रतीकात्मक अवतरण और भरत मिलाप का कार्यक्रम होगा। सवा चार बजे से चार बजकर 40 मिनट तक रामकथा पार्क आगमन पर श्रीराम-जानकी का पूजन-वंदन, आरती और श्रीराम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक होगा। फिर शाम छह बजे तक परियोजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण और अतिथियों का संबोधन होगा।
इस बार 7 देशों की रामलीला भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रही है। भगवान राम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक के दृश्यों को ग्यारह झांकियों के रूप में तैयार किया गया है, जिसे अयोध्या की सड़कों पर दिखाया जा रहा है। सरकार ने इस पूरे कार्यक्रम इसे राज्य मेला घोषित कर दिया है, जिससे यह आगे भी निर्बाध गति से चलता रहे। यही नहीं, ढाई हजार बच्चे बैठकर भगवान राम के जीवन, उनके धनुष-तीर व उनकी चित्र को अंतिम रूप दे रहे हैं।