सीतापुर: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता व सांसद आजम खां और उनके परिवार का सीतापुर जेल में रात काटना मुश्किल हो गया है। उनके बड़े बेटे अदीब और बहू सिदरा ने जेल में मुलाकात कर बाहर आने पर मीडिया से यह बात कही। सीतापुर जेल में पहली रात गुजारने के बाद सिदरा अपने सास-ससुर से मिलकर आईं। बाहर आकर उन्होंने बताया कि दोनों को काफी तकलीफ हुई है। उन्होंने बताया कि जेल में काफी मच्छर हैं। सिदरा ने कहा, "मेरी सास का पिछले साल ही ऑपरेशन हुआ था। वह डायबिटीज, ब्लडप्रेशर की भी मरीज हैं। वह काफी तकलीफ में हैं। मैं चाहती हूं कि दोनों का ध्यान रखा जाए।"
इससे पहले सीतापुर जेल में शिफ्ट करने को लेकर भी बहू सिदरा ने बताया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्हें गुरुवार सुबह ही इस बारे में पता चला। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोर्ट से उन्हें जल्द न्याय मिलेगा। आजम के वकील ने कहा कि आजम 72 साल के हो चुके हैं, उन्हें तमाम बीमारियां हैं। उनकी पत्नी तंजीन के कई ऑपरेशन हो चुके हैं। दोनों को बेहतर इलाज की जरूरत है।
सीतापुर जेल में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है। किसी को बिना बताए तीनों नेताओं को सीतापुर शिफ्ट करना एक राजनीतिक षड्यंत्र हो सकता है। सांसद आजम खां और उनकी पत्नी को जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। वहीं जेलर डी.सी. मिश्रा का कहना है कि जेल मैनुअल और प्रोटोकॉल का नियमत: पालन कराया जा रहा है।
रामपुर के सांसद आजम खां को पत्नी और पुत्र के साथ रामपुर जेल से प्रशासनिक व्यवस्था के आधार पर सीतापुर जेल स्थानांतरित किया गया है। गुरुवार सुबह रामपुर पुलिस ने तीनों को सीतापुर जेल में दाखिल कराया है। सांसद आजम और इनके पुत्र विधायक अब्दुल्ला आजम खां जेल की विशेष सुरक्षा बैरिक में रखे गए हैं। आजम की पत्नी विधायक तंजीन फातिमा महिला वार्ड में हैं।
शुक्रवार को सांसद और उनके परिवार से मिलने आए रामपुर के कई लोगों को पुलिस की सख्ती का सामना करना पड़ा। किसी को भी आजम खां से मिलने की अनुमति नहीं मिली। आजम, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ मंगलवार को अपर जिला न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार की अदालत ने कुर्की का वारंट जारी किया था। यह वारंट पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने से संबंधित मुकदमे में जारी किए गए थे।
अदालत में पेश न होने के कारण तीनों के खिलाफ गैरजमानती वारंट पहले ही जारी किए जा चुके थे। बुधवार को तीनों ने अपर जिला न्यायाधीश की अदालत में समर्पण किया था। जहां से उन्हें 2 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। सांसद आजम समेत तीनों नेताओं को रामपुर जेल में रखा गया था। लेकिन, कानून व्यवस्था का हवाला देकर तीनों को सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया।