मुजफ्फरनगर/नयी दिल्ली: मशहूर इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने कहा है कि उसे अपने परिसर में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए सहारनपुर जिला प्रशासन की तरफ से 15 जनवरी तक अनुमति प्राप्त करने को कहा गया है और वह जल्द ही इसकी इजाजत लेगा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मंदिरों, मस्जिदों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर बिना इजाजत लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किए जाने के बाद शिक्षण संस्था को एक नोटिस जारी किया गया है।
सहारनपुर के पुलिस उपाधीक्षक सिद्धार्थ ने बताया कि इसी तरह के नोटिस सभी धार्मिक संस्थानों को भेजे गए हैं। दारुल उलूम देवबंद के प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने बताया, ‘‘ लाउडस्पीकर से जुड़ी नयी व्यवस्था सभी धार्मिक स्थलों और संस्थानों के लिए है। दूसरे संस्थानों की तरह हमारे पास भी नोटिस आया है। हम लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए प्रशासन से जल्द ही इजाजत लेंगे।’’
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियमों के सही क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कहे जाने के बाद राज्य सरकार की तरफ से यह कदम उठाया गया। सरकारी अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन ने इस्लामी स्कूल से कहा है कि अगर वह निर्धारित तारीख तक अनुमति नहीं प्राप्त कर पाते तो लाउडस्पीकर हटा दिया जाएगा। विश्व स्तर के इस शिक्षण संस्थान की तीन मस्जिदों में लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल होता है।