लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 22 और मरीजों की मौत होने के साथ ही कोविड-19 से जान गंवाने वालों का आंकडा शनिवार को 529 पहुंच गया जबकि बीते 24 घंटे के दौरान 541 नये मरीज सामने आने के साथ ही राज्य में इस संक्रमण के मामले बढकर 17, 135 हो गये । अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि फिलहाल उपचाराधीन मरीज 6237 हैं जबकि 10, 369 मरीज पूर्णतया स्वस्थ होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं ।
उन्होंने बताया कि बीते 24 घंटे में 22 और लोगों की मौत होने के साथ ही मौत का आंकड़ा बढकर 529 हो गया है जबकि राज्य में संक्रमण के कुल मामले 17, 135 हैं। प्रसाद ने बताया कि 6239 लोग विभिन्न चिकित्सालयों और मेडिकल कालेजों के पृथक वार्ड में इलाज करा रहे हैं । पृथक-वास में 7062 लोग रखे गये हैं, जिनके सैम्पल लेकर जांच करायी जा रही है । उन्होंने बताया कि शुक्रवार को राज्य में 14, 048 सैम्पल की जांच करायी गयी जबकि अब तक कुल 5, 42, 972 सैम्पल की जांच करायी जा चुकी है ।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप के जरिए जिन लोगों को एलर्ट आये, ऐसे 87, 482 लोगों को चिकित्सा विभाग के नियंत्रण कक्ष से फोन कर सावधान किया गया । उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं ने 17, 75, 951 प्रवासी कामगारों के गांव गांव घर घर जाकर उनका हालचाल लिया और उन्हें 1567 लोग कोरोना वायरस संक्रमण के किसी ना किसी लक्षण वाले मिले । सबके सैम्पल लेकर जांच करायी जा रही है । यह कार्य लगातार चल रहा है । प्रसाद ने बताया कि सर्विलांस के माध्यम से 97, 33, 508 घरों में 4, 96, 85, 930 लोगों का सर्वेक्षण किया गया ।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को शहरी झुग्गी बस्तियों :अर्बन स्लम: में संक्रमण के आंकडे एकत्र किये गये थे । शनिवार को वृद्धाश्रम, अनाथालय, बाल सुधार गृह के आंकडे एकत्र किये गये । इसके लिए पूरे प्रदेश में, हर जिले में सैम्पलिंग की गयी थी । प्रसाद ने बताया कि वृद्धाश्रमों में 75 जिलों में से तीन जिलों में संक्रमित मिले हैं और ये जिले सुल्तानपुर, कुशीनगर और जालौन हैं जबकि बाकी जिलों के वृद्धाश्रमों में कोई संक्रमण नहीं है । उनके अनुसार तीनों जिलों को तत्काल सतर्क किया गया है कि वे वृद्धाश्रमों में रह रहे बाकी लोगों के सैम्पल की जांच करायें । यदि कोई संक्रमित निकले तो उसे तत्काल अस्पताल ले जाकर इलाज करायें ।
प्रसाद ने बताया कि इसी तरह बाल सुधार गृह और बालिका संरक्षण गृहों की भी हर जिले में जांच करायी गयी । दो जिलों मेरठ और कानपुर नगर के बाल सुधार गृहों या बालिका संरक्षण गृहों में संक्रमण मिला । वहां रह रहे बाकी लोगों की टेस्टिंग करायी जा रही है । जिसमें भी संक्रमण होगा, उसका चिकित्सालय में उपचार कराया जाएगा । अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कल नया शासनादेश जारी किया गया है, जिसके तहत डिस्चार्ज नीति में संशोधन किया गया है । उन्होंने बताया कि जिन लोगों में कोई लक्षण नहीं है, उन्हें दस दिन के बाद बिना टेस्टिंग घर भेज दिया जाएगा । उसके बाद वे सात दिन तक घर पर ही पृथकवास में रहेंगे । अगर कोई लक्षण है तो उन्हें तभी छोडा जाएगा, जब वे नेगेटिव हो जाएंगे ।