नोएडा: देशभर में कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान आज शुरू हो गया है। इस अभियान के पहले चरण में देश के सभी हिस्सों में हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वारियर्स को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। इसी क्रम में नोएडा के कैलाश अस्पताल में पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद डॉ महेश शर्मा को कोवीशिल्ड का टीका लगाया गया। डॉ. महेश शर्मा से जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें टीका लगवाने के बाद किसी तरह की कोई दिक्कत महसूस हुई, उन्होंने बताया कि किसी तरह की दिक्कत या परेशानी उन्हें महसूस नहीं हुई है।
ड. शर्मा ने लोगों से अपील की है कि वे राष्ट्रहित और मानवता के हित में टीका जरूर लगवाएं। टीके की विश्वसनीयता से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैलाने का काम करते हैं, इसलिए अफवाहों न पड़ते हुए राष्ट्रहित और मानवता के हित में टीका जरूर लगवाएं। वहीं उन्होंने इस पूरे अभियान के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री की तैयारी कभी आधी-अधूरी नहीं रहती है।
शर्मा ने बताया कि यह टीका उन्होंने सांसद होने के नाते नहीं, अपितु एक डॉक्टर होने के नाते लगवाया है। उनके अनुसार उनका ग्रेटर नोएडा का अस्पताल कोविड-19 अस्पताल है, तथा उन्होंने कोरोना काल में एक डॉक्टर होने के नाते मरीजों का उपचार किया है। उल्लेखनीय है कि शर्मा को कोरोना टीका का दूसरा खुराक उन्हें आगामी 15 फरवरी को दिया जायेगा ।
नोएडा के सेक्टर 27 स्थित कैलाश अस्पताल में बने वेव बूथ में आज सुबह शर्मा को कोरोना टीका लगाया गया। टीका लगवाने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि टीकाकरण एक सामान्य प्रक्रिया है और इसके पश्चात खुद को पूरी तरह से सामान्य महसूस कर रहे हैं। किसी भी तरह की उन्हें परेशानी का अनुभव नहीं हो रहा है। यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित और भरोसेमंद है। सांसद ने कहा कि आम जनमानस में टीके को लेकर जो भ्रांतियां फैली हुई हैं वह निराधार हैं और कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी लोग टीका जरूर लगवाएं। उन्होंने कहा कि इस टीके का कोई साइड इफेक्ट नहीं है और दवा के किसी तरह के दुष्प्रभाव से निपटने के लिए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतर इंतजाम किए गए हैं।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कोविड-19 के खिलाफ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ भारत के सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के 3006 टीकाकरण केन्द्र आपस में जुडें। ज्ञात हो कि पहले चरण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके की खुराक दी जाएगी।
सरकार के मुताबिक, सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी। बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा। स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों पर टीकाकरण का खर्च सरकार वहन करेगी।
इनपुट-भाषा