लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस के एक्टिव मरीजों की संख्या 1612 हो गई। प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''प्रदेश में एक्टिव केसेज (अभी संक्रमित मरीजों) की कुल संख्या 1612 है। कुल 400 लोग पूरी तरह से ठीक होकर घर जा चुके हैं जबकि 31 लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हुई है।'' प्रसाद ने बताया कि संक्रमण के कुल 2043 मामले प्रदेश के 60 जिलों से अब तक सामने आये हैं। इस समय सात जिले ऐसे हैं, जहां कोई संक्रमण का मामला नहीं है। उन्होंने बताया कि कल कुल 4384 नमूने की जांच की गयी और 2900 नमूने लैब भेजे गये ।
प्रसाद ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे बडा स्रोत 'मेडिकल इन्फेक्शन' निकलकर आ रहा है । अस्पतालों में डाक्टर और नर्स संक्रमित हो रहे हैं और उनसे अन्य लोगों में संक्रमण जा रहा है । ''प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके प्रति अत्यंत सजग हैं और इसे लेकर चिन्ता भी व्यक्त की है । कई जनपदों से स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमित होने के प्रकरण सामने आये हैं ।'' उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में समितियों का गठन कर लिया गया है, जिनमें डाक्टर, आईएमए, डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ के प्रतिनिधि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी और क्वालिटी कंसल्टेंट शामिल हैं ।
प्रसाद ने बताया कि सभी समितियों से कहा गया है कि मंडलीय मुख्यालयों के जनपद कम से कम दस अस्पतालों और अन्य जिलों के कम से कम पांच अस्पतालों की सूची बनाकर उनके एक एक नोडल अधिकारी को कल प्रशिक्षण देंगे कि मेडिकल इन्फेक्शन के प्रोटोकाल का पालन कैसे करना है। उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारी अपने अपने अस्पताल के अन्य डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। ये प्रशिक्षण कल हो जाएगा ताकि 30 अप्रैल से ये अस्पताल प्रोटोकाल का पालन करते हुए आकस्मिक एवं आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं दें जिससे स्वास्थ्य कर्मी भी बचे रहे और लोगों को सुविधाएं मिलती रहें। प्रसाद ने बताया कि अन्य चिकित्सालय, जो प्रशिक्षण पाना चाहेंगे, उन्हें भी पांच मई तक प्रशिक्षित कर दिया जाएगा।
प्रमुख सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने ये निर्देश भी दिया है कि एल—1 अस्पतालों में पृथक बेड की संख्या बढायी जाए। उस क्रम में अस्थायी अस्पताल भी बनाये रहे हैं। कुछ का चिन्हांकन हो गया है और आज शाम तक उन्हें अधिसूचित कर देंगे। हम आज शाम तक एल—1 अस्पतालों में 8000 बेड की औेर बढोतरी कर लेंगे। दस हजार से ज्यादा बेड तैयार पहले से हैं। उन्होंने बताया कि आज की स्थिति के अनुसार पृथक वार्ड में 1764 मरीज हैं जबकि पृथक इकाई में 11, 725 लोग हैं।
पीपीई किट के बारे में प्रसाद ने स्पष्ट किया कि पहले पीपीई किट 'एच 1 एन 1' के लिए ली गयी थीं और पूरे प्रदेश में इस्तेमाल की गयीं थीं । इन किट की तुलना अभी की किट से नहीं की जानी चाहिए क्योंकि पुरानी वाली किट मात्र 115 रूपये की थी और अभी की किट 1100 रूपये की है यानी दाम में दस गुना फर्क है, इसलिए तुलना करना उपयुक्त नहीं है। वो किट उस समय के लिए मंजूर की गयी थीं । उनका पूरे प्रदेश में उपयोग किया गया है । किसी को कोई संक्रमण नहीं हुआ है।