लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 56 जिलों से अब तक 1,507 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिसमें से 45 जनपदों में 1,299 लोगों का इलाज चल रहा है। इस बीच लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के बाद अब एसजीपीजीआई लखनऊ, मेरठ एवं इटावा मेडिकल कॉलेज में भी ‘‘पूल टेस्टिंग’’ का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रदेश के 11 जनपदों में कोरोना के सक्रिय मामले नहीं हैं। प्रदेश के 56 जिलों से अब तक 1,507 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जिसमें से 45 जनपदों में 1,299 मामले सक्रिय हैं यानि इनका इलाज चल रहा है। अब तक 187 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं जबकि 21 लोगो की मौत हुई है। प्रदेश में 1,584 लोगों को पृथक वार्ड में रखा गया है तथा 11,826 लोगों को संस्थागत पृथवास में रखा गया।
उन्होंने बताया कि लखनऊ के केजीएमयू के बाद अब एसजीपीजीआई लखनऊ, मेरठ एवं इटावा मेडिकल कॉलेज में भी पूल टेस्टिंग (कई संदिग्धों का नमूना एक साथ मिलकार जांच किया जाता है और संयुक्त नमूने में वायरस मिलता है तो प्रत्येक की अलग-अलग जांच की जाती है)का कार्य प्रारम्भ हो गया है। पूल टेस्टिंग में 812 नमूनों की जांच की गई है। प्रसाद ने बताया कि जांच के लिए 3,737 नमूने भेजे गये तथा बैकलॉग मिलाकर 3,955 जांच किए गए हैं।
प्रसाद ने कहा, ''ठीक होने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हमारी पूरी कोशिश है कि हम लोगों को सही समय पर सही चिकित्सा दें ताकि वे उपचारित होकर, स्वस्थ होकर घर लौट सकें।'' उन्होंने कहा कि तबलीगी जमात के सदस्यों या उनके संपर्क में आने की वजह से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 938 है। साथ ही कहा कि इस बीमारी से घबराने की आवश्यकता नहीं है बल्कि सावधान रहना है।
प्रसाद ने कहा, ''लोग चेहरे को ढक रहे हैं, मास्क लगा रहे हैं। हमें इसका भी लाभ मिल रहा है। यही वजह है कि नये मामलों के बढ़ने की दर स्थिर हो गई है।'' प्रमुख सचिव ने बताया कि पृथक वार्ड में 1,584 मरीज हैं जबकि 11, 826 मरीज पृथकवास में हैं। हमारे पास इस समय 16, 869 पृथक वास के बिस्तर हैं जबकि दस हजार एकांतवास के बिस्तर हैं।