लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को निर्देश दिया प्रदेश में सील किये गये कोरोना वायरस संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों (हॉटस्पॉट) में संदिग्ध मरीजों पर खास निगरानी रखी जाए। योगी ने यह भी कहा कि इस तरह के व्यक्ति की जांच सुनिश्चित कर उसे पृथक वास में रखा जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मास्क पहनने की अनिवार्यता का परामर्श अब शासनादेश में बदल दिया गया है, जिससे अब प्रदेश में मास्क पहनना अनिवार्य हो गया है।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विशेष निगरानी का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आदेश है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और सहारनपुर में अतिशीघ्र जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। संस्थागत पृथक वास में रहने वाले ऐसे लोग, जिनके 14 दिन पूरे हो गए हैं और उनकी रिपोर्ट नेगेटीव आ रही है उन्हें घर पर ही पृथक वास में भेजने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह आया है कि कुछ जिलों के बैंकों में व राशन वितरण के दौरान लोगों के बीच दूरी बनाये रखने के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। इसलिये सामाजिक मेल जोल से दूर रहने के निर्देशों का गंभीरता से पालन कराने के साथ उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से प्रदेश के 40 जनपद प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 9,442 आइसोलेशन बेड और 12119 क्वारंटीन बेड उपलब्ध कराये गये हैं तथा इनकी संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि प्रदेश में अब तक 9041 नमूनों की जांच की गई है जिसमें से 8,250 की रिपोर्ट नेगेटिव मिली है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि प्रदेश में अबतक नौ प्रयोगशालाओं में नमूनों की जांच की जा रही है। जबकि प्रयागराज, आगरा, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, लखनऊ और बरेली के मेडिकल कॉलेज के लैब को आईसीएमआर से स्वीकृति मिल गई है।