प्रयागराज: कोरोना वायरस से खुद की और साथी बंदियों की रक्षा करने के लिए उत्तर प्रदेश की विभिन्न केंद्रीय और जिला जेलों के कैदी साबुन और मास्क तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा वे यह सामान खुद इस्तेमाल करने के साथ ही दूसरी जेलों में भी भेज रहे हैं। DIG (जेल) बी. आर. वर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए वर्तमान में वाराणसी की केंद्रीय जेल और जिला जेल, सोनभद्र जेल, जौनपुर जेल, कौशांबी जेल, नैनी सेंट्रल जेल, प्रतापगढ़ जेल, फतेहपुर जेल, हमीरपुर जेल में कैदी मास्क तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मास्क के अलावा, नैनी, आगरा और बरेली की जेलों में कैदियों द्वारा साबुन तैयार कर अन्य जेलों को भेजा जा रहा है।
नैनी जेल में रोज बन रहे 600-700 मास्क
जेल प्रशासन ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए एहतियातन सभी उपाय किए हैं। वर्मा ने बताया कि नैनी केंद्रीय जेल में कुछ दिन पहले ही मास्क बनाने का काम शुरू हुआ है जिसके लिए 10 मशीनें उपयोग में लाई जा रही हैं। नैनी जेल में मास्क बनाने के काम में 20 से अधिक कैदी लगाए गए हैं और प्रतिदिन 600-700 मास्क तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नैनी जेल में सुबह 8 बजे से शाम साढ़े चार बजे तक मास्क विनिर्माण का कार्य चल रहा है और सर्दी-जुकाम से ग्रस्त सभी कैदियों को मास्क बांटे जा रहे हैं। वहीं साबुन की मांग 30 जेलों से आ रही है जिन्हें साबुन की आपूर्ति की जा रही है।
घटाई गई मुलाकातियों की संख्या
वर्मा ने बताया कि जेल के कैदी बाहर से आने वाले लोगों से संक्रमित न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए मुलाकातियों की संख्या 3 से घटाकर एक कर दी गई है। उन्होंने बताया कि हालांकि कैदियों से मुलाकात करने आने वाले लोगों की थर्मल स्कैनिंग के लिए उपकरण उपलब्ध नहीं होने से जेल प्रशासन थोड़ा चिंतित जरूर है। नैनी केंद्रीय जेल के जेलर बी. के. त्रिवेदी ने बताया कि बाजार से थर्मल स्कैनिंग का उपकरण नहीं मिल पाने से मुलाकातियों की थर्मल स्कैनिंग नहीं हो पा रही है। नैनी केंद्रीय जेल में वर्तमान में 4,203 कैदी बंद हैं।