गोरखपुर: कोरोना वायरस के बढ़ रहे संकट से लोगों को उबारने को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदद में हर संभव प्रयास शुरू किया है। सरकारी मशीनरी लगातार कार्य को अंजाम तक पहुंचाने में जुटी है। इस कार्य में गोरक्षपीठ भी पीछे नहीं है। गोरक्षपीठाधीश्वर की राह का अनुसरण करते हुए नाथ सम्प्रदाय के इस केंद्र ने भी भूखों के लिए अन्न का भंडार और जरूरतमंदों के लिए खजाना खोल रखा है। यहां आने वाला कोई भी व्यक्ति निराश होकर नहीं लौट रहा। पीठ कार्यालय पर आपदा संबधी सारी परेशानियों का निपटारा किया जा रहा है।
मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी सुबह से लेकर देर रात तक अपने सहयोगियों के साथ अपनी देख-रेख में ही सारे काम सम्पन्न करा रहे हैं। समस्या को अपने स्तर से निपटाने का प्रयास कर रहे हैं। मंदिर के सचिव द्वारिका ने बताया, ‘महामारी के दौरान कोई भूखा न सोए और जरूरतमंदों के हाथ खाली न रहे, इसका प्रयास किया जा रहा है। मृत्यु की दशा में उसके अक्षम परिजन को पूरा सहयोग दिया जा रहा है। जरूरत की हिसाब से उन्हें धन, राशन और अन्य प्रकार के सहयोग किये जा रहे हैं।’
उन्होंने बताया, ‘गोरखपुर मंदिर में कार्यालय की ओर से चल रहे भंडारे में भूखों के लिए पर्याप्त व्यवस्था है। भोजन बनाने वाले लोग इस दौरान सचेत रहते हैं। सोशल डिस्टेसिंग का पूरा पालन हो रहा है। जरूरत के हिसाब से बहुतों को कच्चा खाद्यान्न दिया जा रहा है। हर दिन करीब 300-400 से फोन आ रहे हैं, जिनकी जो समस्या होती है, उसे सुनकर उसका निदान किया जा रहा है। गोरखपुर में किसान को कटाई के लिए जाना है या फिर कोई गंभीर रूप से बीमार है तो उसे आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है। भंडारे में जितने भी लोग आ रहे हैं, सबको भोजन दिया जा रहा है।’
उन्होंने बताया, ‘बचा हुआ भोजन गौशाला में चला जाता है। मजदूरों और मजबूरों को भोजन कराया जा रहा है। जिले से बाहर जैसे प्रयागराज, बहराइच जाने वालों से बीमारी की पर्ची मंगवाकर देखा जा रहा है। संतुष्टि के बाद उसकी मदद हो रही है। नाथपीठ और मुख्यमंत्री पर यहां के लोगों का बहुत भरोसा है। इसी कारण लोग यहां मदद के लिए पहले आते हैं। लोगों की परेशानी दूर करने के लिए यहां हर प्रयास हो रहा है। यह प्रयास ही लोगों के भरोसे का आधार है।’