लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 159 नये मामले सामने आने के साथ ही कुल मामलों की संख्या बढ़कर 2,487 हो गयी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से देर शाम जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। बुलेटिन में बताया गया कि कुल 698 लोग इलाज के बाद पूरी तरह ठीक होकर अपने घरों को जा चुके हैं जबकि अब तक 43 लोगों की मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई है। बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में इलाजरत मामलों की संख्या 1,746 है जबकि तबलीगी जमात और उससे जुड़े संक्रमित लोगों की संख्या 1,129 है। इसमें बताया गया कि सबसे अधिक 14 लोगों की मौत आगरा में हुई।
मुरादाबाद में सात, मेरठ में छह, कानपुर में चार, फिरोजाबाद में दो तथा गाजियाबाद अमरोहा बरेली बस्ती बुलंदशहर लखनऊ वाराणसी अलीगढ़ मथुरा और श्रावस्ती में एक-एक व्यक्ति की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है। इससे पहले प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से बताया कि कल प्रयोगशालाओं में 3356 सैम्पल भेजे गये और प्रयोगशालाओं ने 4431 सैम्पल का परीक्षण किया।
अस्पतालों के पृथक-वास वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या 1841 है जबकि पृथक-वास केंद्रों में 11,769 लोग रखे गये हैं। प्रमुख सचिव ने बताया कि कल पूल टेस्टिंग 11 प्रयोगशालाओं द्वारा की गयी और 331 पूल की टेस्टिंग की गयी। इसमें कुल 1607 सैम्पल की टेस्टिंग हुई। उन्होंने बताया कि प्रदेश के बहर से जो कामगार और श्रमिक हमारे यहां आएंगे, आने के बाद पहले उनकी जांच की जाएगी। जो स्वस्थ पाये जाएंगे, उन्हें घर पर पृथक-वास में 21 दिन रहना होगा। उनके घर के आगे एक 'फ्लायर' लगाया जाएगा, जिस पर तारीख लिखी होगी।प्रसाद ने कहा कि जिन श्रमिकों में कोरोना संक्रमण को लेकर थोड़े बहुत लक्षण होंगे, उन्हें वहीं रोककर जांच कराएंगे। अगर कोरोना वाइरस की पुष्टि हुई तो उन्हें तत्काल पृथक-वास वार्ड में भेजा जाएगा। अगर संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई तो उन्हें वहीं सात दिन तक रोका जाएगा। सात दिन के बाद पुन: जांच होगी। अगर टेस्ट नेगेटिव आया तो उन्हें 14 दिन के लिए घर पर पृथक-वास में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में चूंकि बडी संख्या में लोग घर पर पृथक-वास में जाएंगे इसलिए गांवों में ग्राम पंचायत के स्तर पर उनकी देखरेख में 'ग्राम निगरानी समिति' बनेगी, जिसमें आशा कार्यकर्ता, थाने के चौकीदार और युवक मंगल दल के प्रतिनिधि होंगे और जो इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि घर पर पृथक-वास पर रखे जाने वाले सख्ती से उसका पालन करें।
प्रसाद ने बताया कि शहरी क्षेत्र में 'मोहल्ला निगरानी समिति' स्थानीय सभासद के नेतृत्व में बनायी जाएगी जो सुनिश्चित करेगी कि लोग घर पर पृथक-वास का कड़ाई से पालन करें। अगर किसी तरह के लक्षण किसी में आते हैं तो तत्काल स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में बच्चों के टीकाकरण और इम्युनाइजेशन की व्यवस्था रूक गयी थी। आज से पूरे प्रदेश में बच्चों का टीकाकरण आज से शुरू हो गया।
उन्होंने कहा, ''मेरा लोगों से अनुरोध है कि जिन बच्चों का टीका लगने में विलंब हो गया है, उन्हें तत्काल टीका लगवा लें।'' प्रमुख सचिव ने कहा कि अगर किसी को सूखी खांसी, बुखार या सांस फूलने के लक्षण आयें तो घबरायें नहीं बल्कि सामने आयें क्योंकि कोरोना संक्रामक बीमारी है। अगर आप संक्रमित पाये गये तो सरकार नि:शुल्क चिकित्सा कराएगी। उन्होंने कहा कि संक्रमण को आप जितना छिपाने का प्रयास करेंगे, उतना ही अपने इष्ट मित्रों और परिवार वालों को संक्रमण देंगे। कई कई घरों में एक को संक्रमण हुआ और इलाज में विलंब हुआ तो उसके घर के पांच या आठ लोगों को संक्रमण की बात सामने आयी। अत: समय से जांच कराएंगे तो समय पर बचाव कर लेंगे।
प्रसाद ने कहा कि बुजुर्गों को और पहले से किसी अन्य रोग से ग्रस्त लोगों को संक्रमण से हरहाल में बचाना है। उनके साथ सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखें। हम ख्याल रखें और उनके करीब ना जाएं। उन्होंने कहा कि चेहरे और नाक को फेस टावल, रूमाल, मास्क, दुपट्टे और गमछे से ढकें। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढाने का प्रयास करें। तुलसी और अदरख का काढ़ा पियें। अजवाइन का अर्क लें। नीम की पत्ती लें तथा योग और प्राणायाम करें।