नोएडा. गौतमबुद्धनगर में कोरोना वायरस के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बीते 24 घंटे में जिले में कोरोना वायरस के 9 नए मरीज सामने आए, जिसके बाद जिले में कोरोना संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 414 हो गए। इन मामलों में से अबतक 294 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 7 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल जिले में 113 एक्टिव केस हैं।
जिला प्रशासन द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, रविवार को एक 46 साल के व्यक्ति को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। बुलेटिन एक अनुसार संक्रमित मिले 5 मरीज नोएडा सेक्टर 16 की एक कंपनी के संक्रमित व्यक्ति के रिश्तेदार हैं। इसके अलावा सेक्टर 63 में एक 23 साल का युवक, सेक्टर 36 में एक 26 साल का युवक, गौर सिटी में एक 27 साल की महिला और ग्रेटर नोएडा के चीचली गांव में एक 55 वर्षीय व्यक्ति संक्रमित मिला।
नोएडा और गाजियाबाद के लिए यूपी सरकार ने जारी किए खास निर्देशरविवार को यूपी सरकार द्वारा लॉकडाउन5 की गाइडलाइंस जारी की गईं। इस दौरान उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की आवासीय एवं बहुमंजिला सोसायटी, खासकर नोएडा और गाजियाबाद के लिये विशेष निषिद्ध क्षेत्र नीति बनायी गयी है। ऐसी इमारतों में अगर किसी एक मंजिल पर संक्रमण का एक मामला मिलता है तो केवल उसी भवन को निषिद्ध क्षेत्र में रखा जाएगा। अगर सोसायटी में एक से अधिक टावर में मामले आयेंगे तो प्रभावित टावरों को बंद किया जाएगा लेकिन कुछ साझा इलाका भी तय किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ेगी तो उनको भी बंदी के क्षेत्र में रखा जाएगा।
अवस्थी ने बताया कि वाणिज्यिक औद्योगिक कार्यालय भवनों में अगर कोरोना संक्रमण का कोई मामला निकलता है तो उसे निषिद्ध क्षेत्र बनाया जाएगा। उसे 24 घंटे के लिये बंद कर उसका संक्रमण रोधन किया जाएगा और फिर खोला जाएगा। संक्रमण रोधन का खर्च भवन स्वामी को उठाना पड़ेगा। अगर किसी मंजिल पर संक्रमण का कोई मामला पाया जाता है तो केवल उसी तल को सील किया जाएगा। अगर कई मंजिलों पर संक्रमण के मामले हैं तो पूरे टावर को सील किया जाएगा।
अवस्थी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के किसी मजरे में निषिद्ध क्षेत्र होने के बावजूद उनमें एक दूसरे से दूरी के नियम को अपनाते हुए कृषि कार्य करने की अनुमति रहेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने नोएडा और गाजियाबाद के लिये आदेश दिये हैं कि वहां लोक स्वास्थ्य हित की व्यवस्था के लिये जिम्मेदार अधिकारी मिलकर व्यवस्था बनाएं ताकि स्वास्थ्य सेवाएं मजबूती से लागू रह सकें। इन जिलों में जो भी प्रतिबंध लगाने हैं, जो भी व्यवस्था बनानी है वे केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों को देखते हुए स्थानीय स्तर पर बनेंगी।
With inputs from Bhasha