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‘कोरोना योद्धा’ ने जांच में सहयोग के लिए माता-पिता से बोला झूठ, 1500 किमी की यात्रा तय कर लखनऊ पहुंचे

महामारी कोविड-19 के खिलाफ छिड़ी जंग में मोर्चे पर तैनात 'कोरोना योद्धाओं' में से एक रामकृष्ण को जब उनकी गाइड ने फोन कर उनसे प्रयोगशाला में लौटने की अपील की, वह उस समय तेलंगाना में अपने गांव में थे और खेती में अपने माता-पिता की मदद कर रहे थे।

Written by: Bhasha
Published on: April 12, 2020 19:16 IST
रामकृष्ण - India TV Hindi
रामकृष्ण 

लखनऊ: महामारी कोविड-19 के खिलाफ छिड़ी जंग में मोर्चे पर तैनात 'कोरोना योद्धाओं' में से एक रामकृष्ण को जब उनकी गाइड ने फोन कर उनसे प्रयोगशाला में लौटने की अपील की, वह उस समय तेलंगाना में अपने गांव में थे और खेती में अपने माता-पिता की मदद कर रहे थे। इस फोन के तुरंत बाद वह लखनऊ के लिए रवाना हो गए जो वहां से करीब 1500 किलोमीटर दूर है।

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में पीएचडी स्कॉलर रामकृष्ण को उनके विभाग की प्रमुख अमिता जैन ने फोन किया था। तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण के लिए नमूनों के परीक्षण में उनकी मदद की आवश्यकता थी। युद्ध के मोर्चे पर बुलाए गए सैनिक की तरह रामकृष्ण एक घंटे में तैयार हो गए और सब कुछ छोड़कर लखनऊ रवाना हो गए।

रामकृष्ण ने कहा कि उन्होंने तुरंत अपना सामान पैक किया और यहां तक ​​कि अपने माता-पिता से झूठ बोला। कोरोना वायरस को लेकर उनके माता-पिता भी चिंतित थे। 29- वर्षीय माइक्रोबायोलॉजिस्ट ने कहा, ‘‘मैंने शुरू में अपने माता-पिता से कहा था कि मैं गाँव के अपने दोस्तों के साथ हैदराबाद में रहूँगा जो वहां पढ़ रहे हैं। लेकिन, अब मुझे जो चर्चा मिली है, इससे वे जान गए हैं कि मैं कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में लखनऊ में काम कर रहा हूँ और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है।’’

वह दिन 21 मार्च का था और रामकृष्ण ने तुरंत अपने माता-पिता को बताया कि वह अपनी थीसिस लिखने के लिए हैदराबाद एक दोस्त के पास जा रहे हैं। उनके माता-पिता बेटे को 270 किमी तक की यात्रा करने देने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन अंतत: वे तैयार हो गए। वह 22 मार्च को हैदराबाद पहुंचे। उस दिन जनता कर्फ्यू के कारण सभी रास्ते बंद थे। 23 मार्च को तड़के वह हवाई अड्डे के लिए रवाना हुए।

रामकृष्ण ने कहा कि वहां जाना आसान नहीं था और उन्हें पुलिस ने रोक दिया। हालाँकि, जब उन्होंने हवाई अड्डा जाने का कारण बताया, तो उन्होंने वहाँ पहुँचने में उनकी मदद की। उन्हें लखनऊ के लिए एक उड़ान मिल गयी। उनके वहां पहुंचने से गाइड और केजीएमयू की टीम खुश थी, जो हर दिन अधिक से अधिक नमूनों की जांच में जुटी थी। रामकृष्ण चर्चा में उस समय आए जब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने उनके बारे में ट्वीट किया।

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