लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद और राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष राम विलास वेदांती ने एक बड़ा बयान दिया है। वेदांती ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नहीं बल्कि हिंदुओं और मुसलमानों की आपसी सहमति से होगा। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा और इसकी संभावित तिथि 6 दिसंबर भी हो सकती है। वेदांती ने शुक्रवार को बहराइच में एक दुर्गा पूजा समारोह में ये बातें कहीं।
भाजपा के पूर्व सांसद ने कहा कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या आए थे तभी मैंने कहा था कि 2019 के चुनावों से पहले मंदिर निर्माण का कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। वेदांती ने कहा कि कोर्ट का फैसला कब तक आएगा इसका कोई ठिकाना नहीं है, इसे आने में लाखों साल लग सकते हैं, और आपसी सहमति से मंदिर का निर्माण होने में कोई समस्या नहीं है।
वेदांती ने साफ किया कि हिंदुओं और मुसलमानों के सहयोग से राम मंदिर का निर्माण होने के बाद मस्जिद के लिए भी जमीन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हालांकि यह मस्जिद बाबर के नहीं, किसी मुस्लिम महापुरुष के नाम पर होगी। वेदांती ने कहा कि देश के मुसलमान भी नहीं चाहते कि राम मंदिर को लेकर किसी भी तरह का विवाद हो। उन्होंने कहा कि यदि राम मंदिर के निर्माण में मुसलमान सहयोग करेंगे तो मस्जिद के निर्माण में हिंदू भी सहयोग करेंगे।