नई दिल्ली: देश में जय श्रीराम के नारे को लेकर खूब सियासत हो रही है। सोशल मीडिया में अक्सर इस तरह के दावे किए जाते हैं कि हिन्दूओं ने कुछ मुसलमानों को पकड़कर जबरदस्ती जय श्रीराम का नारा लगवाया और जिन लोगों ने ऐसा करने से इंकार किया उनके साथ मारपीट की गई। लेकिन ऐसे मामलों की हकीकत का पता चंदौली के मामले से चलता है जहां 28 जुलाई को एक मुस्लिम लड़का जली हुई हालत में हॉस्पिटल पहुंचा।
अब्दुल खालिक नाम के इस युवक ने बयान दिया कि उसे सुनील नाम के एक लडके ने जलाया है। खालिक ने बताया कि सुनील अपने दोस्तों के साथ आया और उससे जय श्रीराम का नारा लगाने को कहा। जब उसने इससे इनकार किया तो उसके ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। बाद मे खालिक की मौत हो गई...फिर उसके बयान के वीडियो के साथ सोशल मीडिया पर ये खबर फैला दी गई कि जय श्रीराम का नारा नहीं लगाने के कारण हिंदुओं ने खालिक को जलाकर मार डाला। सोशल मीडिया पर ये मैसेज तेजी से फैला तो माहौल खराब होने की आशंका पैदा हो गई। पुलिस पर भी प्रेशर था....पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ शुरू कर दी....लेकिन जब जांच हुई तो कहानी बिल्कुल अलग निकली।
मामले में ट्विस्ट आया अब्दुल की मां के बयान के बाद। उसकी मां ने कहा कि अब्दुल जब जली हालात में घर पहुंचा तब उसने सिर्फ इतना कहा था कि उसे तीन चार लोगों ने जला दिया। जलाने वाले कौन थे उन्हें अब्दुल नहीं पहचानता था। अब्दुल की मां ने कहा कि जय श्रीराम का नारा लगाने जैसे कोई बात उसने नहीं बताई। ये सारी बातें कहां से आईं उसे नहीं मालूम।
चूंकि मामला कम्युनल था इसलिए पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की। जब जांच हुई तो सच सामने आ गया....चंदौली के SP ने बताया कि ये तथ्य सही है कि अब्दुल खालिक नाम के नाबालिक लड़के की मौत जलने से हुई...लेकिन लड़के से ना किसी का कोई झगड़ा हुआ...ना किसी ने लड़के ने जयश्रीराम का नारा लगाने को कहा था। जब लड़का जल गया तो उसके चाचा ने अब्दुल और उसके पिता को सिखाया कि इसमें हिन्दुओं पर आरोप लगाओ तो पुलिस पर प्रैशर बनेगा। जब लड़के ने इसी तरह का बयान दे दिया तो उसके वीडियो के साथ इस मैसेज को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया कि हिन्दुओं ने जयश्रीराम का नारा न गाने पर मुसलमान लडके को जिन्दा जला दिया।