लखनऊ: तीनों कृषि क़ानूनों के खिलाफ रविवार को कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के सांसदों और विधायकों का प्रदेशव्यापी घेराव किया और इन क़ानूनों को वापस लिये जाने के लिए ज्ञापन सौंपा। रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान के अनुसार, आज घेराव कार्यक्रम के तहत गोरखपुर, शामली, कौशाम्बी, बस्ती समेत कई जिलों में कांग्रेस के जिलाध्यक्षों ने भारतीय जनता पार्टी के सांसदों एवं विधायकों को ज्ञापन सौंपा और कृषि क़ानूनों को वापस लिये जाने की मांग की।
जारी बयान के अनुसार, इस प्रदेशव्यापी कार्यक्रम में कई जिलों में भाजपा के सांसद और विधायक नहीं मिले जिस पर कांग्रेसजनों ने उनके कार्यालयों पर किसान विरोधी कानून को वापस लेने हेतु ज्ञापन चिपकाया। बयान में दावा किया गया कि एक तरफ जहां सोनभद्र में ज्ञापन देने जा रहे कांग्रेसजनों को पुलिस बल द्वारा जबरन रोका गया वहीं वाराणसी में कई नेताओं को नजर बंद किया गया।
इसमें कहा गया कि इटावा में सदर विधायक के आवास के सामने कांग्रेस कार्यकर्ता धरने पर बैठ गये और कानून वापस लेने की मांग की। बयान के मुताबिक इलाहाबाद, चंदौली में ज्ञापन देने जा रहे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, वहीं अयोध्या में सांसद के आवास पर जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया, बाद में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बल पूर्वक हटाया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने घेराव कार्यक्रम के दौरान पुलिस द्वारा कांग्रेसियों को जबरन रोकने और गिरफ्तार किये जाने को योगी सरकार की तानाशाही करार दिया है। उन्होने कहा कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी किसानों की हितैषी होने का दंभ भरती है वहीं दूसरी तरफ किसानों के साथ घोर अन्याय कर रही है।
उन्होंने कहा कि किसानों के हितों के लिए कांग्रेस ने सदैव संघर्ष किया है और उसी के तहत आज कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा पूरे प्रदेश में भाजपा के जन प्रतिनिधियों, सांसदों व विधायकों को तीनों कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है।