लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों की भविष्य निधि के निवेश में हुए अरबों रुपये के कथित घोटाले के विरोध में कांग्रेस ने सोमवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में धरना प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के निर्देश पर सचिव रमेश शुक्ला की अगुवाई में पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा की बर्खास्तगी की मांग की। हालांकि, दूसरी ओर से श्रीकान्त शर्मा ने उनपर गम्भीर आरोप लगाने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से माफी की मांग की।
कांग्रेस का आरोप
रमेश शुक्ला ने कहा कि 2600 करोड़ रूपये का घोटाला ऊर्जा मंत्री की मिलीभगत के बगैर संभव नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले तो ऊर्जा मंत्री को बचाने का भरसक प्रयास किया लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा इस मामले को प्रमुखता से उठाये जाने और पार्टी द्वारा प्रभावित कर्मचारियों के हक में लड़ने का इरादा देखकर मामले में लीपापोती का प्रयास किया गया है।
श्रीकान्त शर्मा की बर्खास्तगी की मांग
उन्होंने कहा ''कांग्रेस इस महाघोटाले में संलिप्त ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा की बर्खास्तगी एवं आपराधिक मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किये जाने की मांग करती है अन्यथा पूरे प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ता आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए विवश होंगे।'' इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी (प्रशासन) सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने कहा कि हजारों बिजली कर्मचारियों की भविष्य निधि को हड़पने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार ने डिफॉल्टर कंपनी में पैसे का निवेश किया, जिससे साबित होता है कि कंपनी तो डिफॉल्टर है ही, यह सरकार भी डिफॉल्टर हो चुकी है।
ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा का जवाब
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने उनपर आरोप लगाने को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से माफी की मांग की। शर्मा ने कहा ऐसा नहीं होने पर वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कराएंगे। शर्मा ने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लल्लू द्वारा उनके ऊपर लगाए गए निजी आरोप मनगढ़ंत, तथ्यों से परे और शर्मनाक हैं। उन्हें अपने इन निंदा योग्य आरोपों पर अविलंब माफी मांगनी चाहिए, नहीं तो वह आपराधिक मानहानि का मुकदमा झेलने के लिए तैयार रहें।
राहुल गांधी की तरह बर्ताव कर रहे हैं लल्लू: शर्मा
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि लल्लू ने मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए निजी आरोप लगाये हैं। वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तरह बर्ताव कर रहे हैं, जिन्होंने कई नेताओं पर झूठे आरोप लगाए और आज अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजलीकर्मियों की भविष्य निधि के निजी बैंकिंग संस्था डीएचएफएल में निवेश का रास्ता कांग्रेस परिवार के प्रिय मित्र अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में ही खोला गया। कर्मचारियों की भविष्य निधि का निवेश कहां होगा यह काम सम्बन्धित ट्रस्ट के अध्यक्ष और ट्रस्टियों का है। ऊर्जा मंत्री का इस प्रक्रिया से कोई सरोकार नहीं है।
करीब 2600 करोड़ रुपये का मामला
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों की भविष्य निधि के करीब 2600 करोड़ रुपये का अनियमित तरीके से निजी संस्था डीएचएफएल में निवेश किए जाने का खुलासा हुआ है। मामले में शनिवार को सीपीएफ ट्रस्ट और जीपीएफ ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव पीके गुप्ता और तत्कालीन निदेशक (वित्त) एवं सह ट्रस्टी सुधांशु द्विवेदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सरकार ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की है।
(इनपुट- भाषा)