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यूपी के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, कांग्रेस-सपा श्रमिकों के सबसे बड़े दुश्मन हैं

उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि वे पहले अध्यादेश को पढें, फिर किसी तरह की टिप्पणी करें लेकिन उनकी टिप्पणी से आभास हो गया है कि वे श्रमिकों के नंबर एक दुश्मन हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 09, 2020 8:44 IST
Congress, Samajwadi Party, Labour Minister Swami Prasad Maurya, Swami Prasad Maurya- India TV Hindi
Image Source : PTI Congress and Samajwadi Party shedding crocodile tears for workers, says UP Labour Minister Swami Prasad Maurya.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी श्रमिकों के सबसे बड़े दुश्मन हैं क्योंकि वे उन श्रमिकों का विरोध कर रहे हैं, जिनके लिए निवेश के माध्यम से रोजगार तलाशने की प्रक्रिया चल रही है। मौर्य ने कहा, 'कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का बयान यह दर्शाता है कि वे श्रमिकों के सबसे बड़े दुश्मन हैं क्योंकि जो श्रम अधिनियमों में संशोधन अध्यादेश आया है, वो इसीलिए आया है कि आज मुख्यमंत्री ने अन्य प्रदेशों में रह रहे सभी कामगारों, उन प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश में लाने का निर्णय लिया।'

‘हम यूपी में ही श्रमिकों को सेवा में नियोजित करेंगे’

उन्होंने कहा, 'ये भी संकल्प लिया गया कि हम उत्तर प्रदेश में ही इनको (श्रमिकों को) सेवा में नियोजित भी करेंगे। जो जिस योग्य कामगार है, उसे उसके लायक काम यहीं पर दिलाने की हम व्यवस्था करेंगे। वे उन श्रमिकों का विरोध कर रहे हैं, जिनके लिए हम लॉकडाउन के चलते बंद उद्योग-कारखानों में पुन: समायोजित करने के लिए अवसर प्रदान करने जा रहे हैं इसलिए कांग्रेस और सपा के बयान से उनका श्रमिक विरोधी चेहरा सामने आया है। उनको मैं भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जो श्रमिकों के लिए घडियाली आंसू बहा रहे हैं उनको शायद नहीं पता कि हमने नए निवेश के रास्ते खोलते वक्त श्रमिकों के हितों का ध्यान रखा है।'

‘पहले अध्यादेश को पढ़ें फिर बात करें सपा और कांग्रेस’
उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि वे पहले अध्यादेश को पढें, फिर किसी तरह की टिप्पणी करें लेकिन उनकी टिप्पणी से आभास हो गया है कि वे श्रमिकों के नंबर एक दुश्मन हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों दल नहीं चाहते कि श्रमिकों को काम मिले इसलिए अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने श्रम कानून के अधिकांश प्रावधानों को 3 साल के लिए स्थगित करने पर सरकार के इस्तीफे की मांग की है। वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मसले को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है।

अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार पर बोला हमला
अखिलेश ने कहा, 'उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने एक अध्यादेश के द्वारा मज़दूरों को शोषण से बचाने वाले श्रम-कानून के अधिकांश प्रावधानों को 3 साल के लिए स्थगित कर दिया है। यह बेहद आपत्तिजनक व अमानवीय है। श्रमिकों को संरक्षण न दे पाने वाली गरीब विरोधी भाजपा सरकार को तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए।' वहीं, प्रियंका ने कहा, ‘यूपी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए गए बदलावों को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। आप मजदूरों की मदद करने के लिए तैयार नहीं हो। आप उनके परिवार को कोई सुरक्षा कवच नहीं दे रहे। अब आप उनके अधिकारों को कुचलने के लिए कानून बना रहे हो। मजदूर देश निर्माता हैं, आपके बंधक नहीं हैं।’

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