लखनऊ. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना स्थिति काफी संभली हुई है। इसकी वजह है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता और समर्पित वरिष्ठ अधिकारियों की मेहनत। यह न सिर्फ प्रदेश की घनी आबादी को 'कोरोना युद्घ' के प्रति सजग कर रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रख रहे हैं। कोरोना के खिलाफ जंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सक्रियता से जुटे हुए हैं और वह पल-पल इन हालातों पर नजर रख रहे हैं।
वह रोज अधिकारियों के साथ बैठक कर वायरस को हराने की रणनीति तैयार करते हैं। यही वजह है कि आबादी के लिहाज से यूरोप के कई देशों से बड़ा होने के बावजूद प्रदेश कोरोना महामारी से डटकर मुकाबला कर रहा है। प्रदेश में कोरोना की जंग मजबूती से लड़ी जाए, इसके लिए मुख्यमंत्री ने कई टीमें बना रखी हैं और प्रमुख अधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है जिससे कहीं भी कोई चूक या लापरवाही न हो। इसीका नतीजा है कि घनी आबादी वाला प्रदेश होने के बाद भी यहां बीमारी पर लगाम लग पाया है।
कोरोना की इसी जंग में जुटे कुछ प्रमुख चेहरे हैं जो इस मुहिम में सरकारी योजनाओं, किसानों, व्यापारियों से लेकर आम लोगों की समस्याओं पर पैनी नजर रखते हैं और समस्या का समाधान करते हैं। यह टीम इस वैश्विक महामारी से प्रदेश की जनता को सुरक्षित रखने का काम शिद्दत से कर रही है। आइए, इन वरिष्ठ अधिकारियों के खास प्रयासों को जानते हैं।
अपर प्रमुख सचिव गृह-अवनीश अवस्थी:
कोरोना जंग के प्रमुख योद्घा अवनीश अवस्थी उप्र के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी है। उत्तर प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था को ठीक करने में इनकी बड़ी भूमिका रहती है। नोएडा और लखनऊ में कमिश्नरी लागू करवाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। यूपी पुलिस के आधारभूत ढांचे को संवारने में अवस्थी पूरी शिद्दत से लगे हैं। कोरोना संकट में भी यह अपनी प्रभावी भूमिका अदा कर रहे हैं। कोरोना संकट के समय कानून व्यवस्था ठीक रहे, इस पर इन्होंने महत्वपूर्ण काम किया है।
इस दौरान प्रदेश के क्राइम ग्राफ में काफी कमी देखी जा रही है। वायरस संकट में तबलीगी जमात के लोगों को चिह्न्ति करके उन्हें क्वारंटाइन कराना उनकी देख-रेख करना भी इन्ही के जिम्मे है। इसके अलावा लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। अब तक 30,163 एफआईआर दर्ज कर 31 हजार वाहन सीज किए गए हैं। अब तक 390 स्थानों को हॉटस्पाट के रूप में चिह्न्ति किया गया। वहीं 45 विदेशियों के खिलाफ एफआईआर के साथ 259 के पासपोर्ट जब्त किए गए। इसके अतिरिक्त प्रदेश की तीनों एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में लगभग 10,000 श्रमिक कार्यरत हैं।
प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री- शशि प्रकाश गोयल:
शशि प्रकाश गोयल 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव हैं। मुख्यमंत्री के निर्णयों को तुरंत संबंधित विभागों तक पहुंचाने में जी-जान से जुटे हैं। उन्हें लागू करवाने और फॉलोअप की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर है। कोरोना में बेरोजगार हुए श्रमिकों के लिए भरण-पोषण भत्ता दिलाने में इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा- डॉ. रजनीश दुबे:
डॉ. रजनीश दुबे 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर मास्क, पीपीई, कोविड-19 के अस्पताल आइसोलेशन बेड के निर्माण समेत कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां इनके कंधों पर है।
प्रमुख सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति- निवेदिता शुक्ला वर्मा:
वर्ष 1991 बैच की आईएएस अधिकारी निवेदिता शुक्ला वर्मा वर्तमान में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की प्रमुख सचिव हैं। 15 अप्रैल से प्रदेश में जारी समर्थन मूल्य पर किसानों के फसलों की खरीदी की जिम्मेदारी निभा रही हैं। सभी जनपदों में जरूरतमंदों तक खाद्यान्न पहुंचवाने को लेकर दिन-रात एक किये हुए हैं।
प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग- नवनीत सहगल:
नवनीत सहगल 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव हैं। कोरोना वायरस को लेकर किए गए देशव्यापी लॉक डाउन के दौरान रोजमर्रा की जरूरतों (आटा, दाल और तेल) मिलों को चलवाने, कोरोना के संक्रमण की रोकथाम में प्रयोग होने वाले सुरक्षा उपकरण और दवाओं की इकाइयों को चलवाने की जिम्मेदारी बाखूबी निभा रहे हैं।
प्रमुख सचिव, गन्ना एवं आबकारी-संजय भूस रेड्डी:
संजय भूस रेड्डी 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इस समय उत्तर प्रदेश गन्ना एवं आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव को लेकर प्रदेश में सेनेटाइजर की कमी न होने पाए इसकी निगरानी यही कर रहे हैं। सेनेटाइजर बनाने वाली 40 नई इकाईयों को आवश्यक स्वीकृति देने के साथ ही आबकारी विभाग से एल्कोहल आवंटित कराते हुए 99 इकाइयों को इन्होंने क्रियाशील कराया है।
प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री- संजय प्रसाद:
संजय प्रसाद 1995 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप के दौरान शासन की तरफ से जनता को पहुंचाई जा रही मदद में कोई दिक्कत न हो इसे लेकर सांसदों और विधायकों से फीडबैक लेने का काम इन्हीं का है।
सचिव, मुख्यमंत्री- आलोक कुमार:
आलोक कुमार 1998 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इस समय मुख्यमंत्री कार्यालय में बतौर सचिव, कार्यरत हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने एवं लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं के समाधान करने में सीएम हेल्प लाइन नंबर 1076 का संचालन का जिम्मा भी संभाल रहे है।
राहत आयुक्त- संजय गोयल:
संजय गोयल 2004 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त हैं। कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू किए गए एकीत आपदा नियंत्रण केंद्र की निगरानी यही कर रहे हैं। इस केंद्र का उपयोग लोगों तक क्वारंटाइन व आइसोलेशन वर्ड तथा लेवल-1 से 3 तक के कोविड अस्पतालों की जानकारी देने के साथ ही जरूरतमंदों तक खाने के पैकेट आदि पहुंचाने में किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सचिव-वी़ हेकाली झिमोमी:
वी़ हेकाली झिमोमी 1996 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। इस समय यह स्वास्थ्य सचिव के पद पर तैनात हैं। लेवल-1, 2 और 3 के अस्पतालों की प्रगति रिपोर्ट से लेकर कोरोना वायरस के इलाज के दौरान उपयोग होने वाले सभी आवश्यक उपकरणों को जनपदों में पहुंचाने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग- शिशिर:
कोरोना महामारी से लड़ाई में योगी की इस पर्दे के पीछे वाली टीम में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के निदेशक शिशिर निभा रहे हैं। यह अपनी टीम के साथ फेक न्यूज को लेकर काफी सक्रिय हैं। आम लोगों तक सही सूचना पहुंचे इस पर इनका जोर रहता है।
निदेशक मंडी- जेपी सिंह:
कोरोना वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश में लागू किए गए लॉक डाउन के दौरान मंडियों में फल एवं सब्जियां पहुंचती रहे, इसकी जिम्मेदारी इन्हीं पर है। इसके अलावा मंडियों में सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे इस पर फोकस है। जेपी सिंह ने बताया कि हमारी टीम कोरोना को भागने के लिए पूरी तल्लीनता के साथ लगी हुई है। पूरी टीम एकमत और एकजुट है।