नोएडा. उत्तर प्रदेश के कैराना में आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगे और कैराना से पलायन जैसे विषयों को प्राथमिकता से उठाया। योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम बाहुल्य कैराना में कथित रूप से परेशान किए जाने की वजह से पलायन करने के बाद वापस लौटे परिवारों से मुलाकात कर मुआवजा देने का ऐलान भी किया। पश्चिमी यूपी के शामिली जिले में आने वाले कैराना में योगी आदित्यनाथ का ये दौरा अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है, दरअसल पिछले चुनाव में कैराना लोकसभा में आने वाली 5 विधानसभा सीटों में भाजपा ने 4 पर तो जीत दर्ज की लेकिन वो कैराना सीट पर विधानसभा चुनाव बड़े अंतर से हार गई।
भाजपा ये चुनाव तब हारी जब इस सीट से भाजपा ने दिग्गज नेता हुकूम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था। इससे पहले 1996 से लेकर 2012 तक भाजपा ने इस सीट पर चुनाव जीता था। इस सीट पर हुकूम सिंह का कब्जा था। हुकूम सिंह 2014 में सांसद चुने गए, जिसके बाद हुए उपचुनाव में सपा के नाहिद हसन विधायक बने।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कैराना में भाजपा की मृगांका सिंह को 77 हजार 668 वोट मिले थे जबकि इस सीट पर चुनाव जीतने वाले समाजवादी पार्टी के नाहिद हसन को 98 हजार 830 वोट हासिल हुए। नाहिद हसन को इस सीट पर 21 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल हुई थी। इस सीट पर रालोद के अनिल कुमार को करीब 20 हजार वोट मिले थे जबकि बसपा के दिवाकर देशवाल को 6888 वोट मिले थे। गौर करने वाली बात ये है कि ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी पिछले चुनाव में यहां मुस्लिम प्रत्याशी उतारा था, लेकिन उसे सिर्फ 1365 वोट नसीब हुए। चुनाव नतीजे साफ दर्शाते हैं कि मुस्लिम बाहुल्य कैराना में मुस्लिम वोटर्स ने एकतरफा वोट दिया जबकि रालोद और बसपा ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया।
साल 2012 में बंटा था मुस्लिम वोट, जीती थी भाजपा
साल 2012 के विधानसभा चुनाव में कैराना विधानसभा सीट पर भाजपा ने हुकूम सिंह ने जीत दर्ज की थी। हुकूम सिंह मृगांका सिंह के पिता हैं। 2012 चुनाव में उन्हें 80 हजार 293 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे बहुजन समाज पार्टी के अनवर हसन को 60 हजार 750 वोट मिले थे। गौर करने वाली बात ये है कि 2012 चुनाव में इस सीट पर सपा ने भी मुस्लिम प्रत्याशी उतारा था जिसे 21 हजार 267 वोट मिले थे जबकि एक निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल अजीज को भी 5858 मतदाताओं ने अपना वोट दिया था। हालांकि इससे ठीक उलट 2017 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटर्स का रूझान सपा के नाहिद हसन की तरफ देखा गया।
कैराना लोकसभा की अन्य विधानसभा सीटों का परिणाम
विधानसभा सीट | विजेता 2017 | उपविजेता 2017 | विजेता 2012 | उपविजेता 2012 | 2012 में भाजपा की स्थिति |
नकुड़ | धर्मसिंह सैनी BJP- 94,375 वोट | इमरान मसूद- कांग्रेस- 90,318 वोट | धर्मसिंह सैनी- BSP- 89,187 वोट | इमरान मसूद- कांग्रेस- 84,623 वोट | मेलाराम- BJP- 6634 वोट (5वां स्थान) |
गंगोह | प्रदीप कुमार- BJP- 99,446 वोट | नौमान मसूद- कांग्रेस- 61,418 वोट | प्रदीप कुमार- कांग्रेस- 65149 | रुद्र सैन- SP- 61,126 वोट | शशिबाला पुंडीर- 15,357 वोट (5वां स्थान) |
थाना भवन | सुरेश राणा- BJP- 90,995 वोट | अब्दुल वारिस खान- BSP- 741,78 वोट | सुरेश राणा- BJP- 53,719 वोट | अशरफ अली खान- RLD- 53,454 वोट | BSP अब्दुल वारिस- 50 हजार वोट- मुस्लिम वोट बंटे |
शामली | तेजेंदर निर्वाण- BJP- 70,085 वोट | पंकज कुमार मलिक- कांग्रेस- 40,365 वोट | पंकज कुमार मलिक- कांग्रेस- 53,947 वोट | वीरेंद्र सिंह SP- 50,206 वोट | सतेंद्र वर्मा BJP- 9105 वोट (चौथा स्थान) |
*साल 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ था।