नोएडा. यूपी की योगी सरकार ने गौतमबुद्धनगर के डीएम बीएन सिंह का तबादला कर दिया है। उनकी जगह पर सुहास एल वाई को जिले की कमान दी गई है। दरअसल सीएम योगी आज नोएडा में था, जहां उन्होंने गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन द्वारा किए गए इंतजामों की समीक्षा की। इस बैठक में सीएम योगी बेहद नाराज नजर आए और उन्होंने अधिकारियों के जमकर फटकार लगाई। आइए आपको बताते हैं सोमवार को नोएडा की उस बैठक में क्या हुआ, जिसके बाद बीएन सिंह ने बगावती तेवर दिखाए और फिर यूपी सरकार ने उन्हें हटा दिया।
दरअसल मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अफसरों की सोमवार दोपहर बाद गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी परिसर में जबरदस्त क्लास ली। मुख्यमंत्री की नाराजगी देखकर अफसर सन्न रह गए। आलम यह था कि जिस किसी अफसर ने सफाई देने की जुर्रत की उसे मुख्यमंत्री ने डांट कर चुप करा दिया। उन्होंने कहा- बकवास बंद करो। तुम सब मिलकर सिर्फ राजनीति और माहौल खराब करते हो।
पूरी समीक्षा बैठक के दौरान योगी इस बात से खासा नाराज थे कि जिला प्रशासन सरकार की नजर में अब तक सिर्फ धूल झोंकता आ रहा है। इसी के चलते जिले में कोरोना संदिग्ध और पॉजिटिव्स की संख्या कहीं ज्यादा ऊपर जा पहुंची है। मुख्यमंत्री ने दो टूक पूछा, "जब मैंने दो महीने पहले ही अलर्ट रहने को कहा था। जिले में मजबूत कंट्रोल रूम बनाने को कहा था, फिर वह क्यों नहीं बना? अगर बना तो फिर कोरोना संदिग्ध और पॉजिटिव्स की संख्या इतनी ज्यादा जिले में कैसे बढ़ी?"
मुख्यमंत्री के किसी भी सवाल का जबाब जिलाधिकारी बी.एन. सिंह, नोएडा, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अफसरों के पास नहीं था। मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी से लेकर नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी आईएएस रितु माहेश्वरी, जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी अनुराग भार्गव तक मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने सबको आड़े हाथ लिया। समीक्षा बैठक में योगी ने अफसरों से सवाल किया, "जब सीजफायर कंपनी का मामला सामने आया तो उसके खिलाफ शुरू में ही कड़ी कार्यवाही क्यों नहीं की गई?" बैठक में जब एक-दो अफसरों ने सफाई देने की कोशिश की तो उन्हें मुख्यमंत्री ने यह कहकर चुप करा दिया, "बकवास बंद करो। आप लोग कोई काम नहीं करते हो। काम करने के बजाए एक दूसरे पर सिर्फ आरोप लगाते हो।"
मुख्यमंत्री ने अपनी इस समीक्षा बैठक में तमाम अफसरों को खुली लताड़ लगाकर सूबे के बाकी तमाम उन अफसरों को भी आगाह कर दिया है कि कोरोना से निपटने के नाम पर जिलों में उच्चाधिकारियों द्वारा किए जा रहे कामों के नाम पर अब वे हवाबाजी कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने दो टूक सबके सामने कह दिया कि जिले में कोरोना वायरस ने, अफसरों की लापरवाही और उनकी आपसी खींचतान के चलते इतना भयानक रूप लिया है। ढाई घंटे तक गौतमबुद्ध नगर में रहने के दौरान कई बार मुख्यमंत्री मातहत जिला अफसरों को हड़काते रहे। बताते रहे कि कुछ भी हो कोरोना में वह कोई लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सूबे के सीएम ने सीजफायर कंपनी के मुद्दे पर अफसरों को कई बार और बार बार लताड़ा। सीएम का कहना था कि सीजफायर कंपनी और उसके प्रबंधन तंत्र सहित विदेशी ऑडिटर के खिलाफ अगर प्रशासन शुरू में ही कड़ाई से पेश आया होता, तो इस कंपनी प्रबंधन और जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते जिले में कम से कम और 20 कोरोना संक्रमित बढ़ने से तो रोके जा सकते थे। सीएम ने कुछ स्थानों का दौरा करके इंतजामों का जायजा भी लिया। दौरे के दौरान उन्होंने साथ चल रहे अफसरों को डाटते हुए कहा, "लॉकडाउन पर प्रभावी अमल नहीं किया गया है। उसी का नतीजा सामने है।"
उल्लेखनीय है कि अब तक गौतमबुद्ध नगर जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 34 पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा, "आप लोग शोर ज्यादा मचा रहे हैं। राजनीति ज्यादा और काम कम कर रहे हैं। जोकि बर्दाश्त नहीं करूंगा।" दौरे के दौरान नोएडा प्राधिकरण की ओर से मुख्यमंत्री को कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए कर्मचारियों द्वारा इकट्ठी की गई 51 लाख रुपये की धनराशि भी सौंपी गई।
इनपुट- IANS