लखनऊ। लखनऊ के मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने दो निजी अस्पतालों पर कोरोना के इलाज में गड़बड़ी की जांच की सिफारिश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की थी जिसकी जांच के आदेश सीएम कार्यालय से दे दिए गए हैं। कोरोना महामारी के दौरान कोविड मरीजों का इलाज करने वाले दो निजी अस्पतालों (integral अस्पताल और era अस्पताल) पर इलाज में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। सांसद कौशल किशोर ने पीड़ित परिवार की शिकायत पर मुख्यमंत्री और लखनऊ सीएमओ को शिकायती पत्र लिखकर निजी अस्पतालों पर कोरोना मरीजों से पैसा लेने और मृत्यु के बाद उनके अंग निकालने के गंभीर आरोप लगाए हैं, ये आरोप दरअसल पीड़ित परिवार ने लगाए हैं।
दरअसल, चिनहट इलाके में रहने वाले आदर्श पांडेय की 26 सितंबर को कोरोना के कारण मौत हो गयी थी। परिवार का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने कोविड मरीज होने के कारण उसका शव भी परिजनों को नहीं दिया था। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर मानव अंग निकालने का गम्भीर आरोप लगा कर सनसनी फैला दी। चिनहट के पक्का तालाब निवासी शिव प्रकाश पाण्डेय ने विधि एवं न्यायमंत्री बृजेश पाठक को प्रेषित शिकायती पत्र में कहा कि उसके बेटे आदर्श कमल पांडेय को सर्दी और बुखार हुआ। आदर्श ने लोहिया संस्थान में कोरोना की जांच करायी। रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर वह 11 से 15 सितम्बर तक होम क्वारंटाइन रहा, तबियत बिगड़ने पर बेटे को कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन वहां मरीज का काफी उत्पीड़न हुआ। शिव प्रकाश ने आरोप लगाया कि बेटे को वहां इलाज न देकर ऐसी दवाएं दी गईं, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गयी।
परेशान होने के बाद उन्होंने अस्पताल से डिस्चार्ज करने की मांग की। उन्होंने सीएमओ व डीएम स्तर पर गुजारिश के बाद वहां से हरदोई रोड स्थित एरा अस्पताल में रेफर किया गया, यहां भी उसको सही इलाज नहीं मिला। पाण्डेय ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को जानबूझकर मारा गया है। पिता के पत्र को आधार मानते हुए सांसद कौशल किशोर ने मुख्यमंत्री, पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है जिसके बाद सरकार ने मामले की जांच के आदेश कर दिये हैं और दोनों अस्पतालों को ज़िम्मेदार मानते हुए परिवार ने करवाई के लिए लिखा है।