लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन (बंद) के दौरान हर जरूरतमंद को बिना भेदभाव के समय से भोजन मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में अब तक सामुदायिक रसोई शुरू नहीं हुई हैं, मुख्य सचिव वहां के जिलाधिकारी से बात कर भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसके साथ ही संबंधित डीएम (जिलाधिकारी) की जवाबदेही भी तय की जाए और उन्हें भी ऐसे डीएम की सूची उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि भोजन वितरण के कार्य में गांवों में प्रधानों के अलावा नगर निकायों में पार्षदों और अन्य कर्मचारियों की भी इसमें मदद ली जाए और एलपीजी सिलेंडर, दवा तथा जरूरी सामान हर किसी को मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपने आवास पर अधिकारियों की बैठक में कहा, ‘‘नियंत्रण कक्ष में अगर कोई फोन नहीं उठा रहा है तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाए। जिला आपूर्ति अधिकारी को निर्देश दें कि अगर कोई राशन नहीं मिलने की शिकायत करता है तो तुरंत उसका राशनकार्ड बनाने के साथ राशन और 1000 रुपये की मदद उस तक पहुंचाएं।
सीएम योगी ने कहा, "सीएम हेल्पलाइन नंबर पर जिन जिलों की शिकायतें सर्वाधिक आ रही हैं उनकी खुद निगरानी करने के साथ-साथ उनकी सूची भी मुझे उपलब्ध कराएं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बंद के बावजूद सामाजिक दूरी के मानकों का जानबूझकर उल्लंघन या अराजकता फैलाना सोची-समझी साजिश है। ऐसे लोगों के साथ बेहद सख्ती से पेश आएं।"
उन्होंने कहा, "तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हर किसी की धर-पकड़ करें। सबके मोबाइल जब्त कर कॉल डिटेल की जांच करें। उनके सभी सामान की भी बारीकी से जांच करें। कुछ भी आपत्तिजनक मिलने पर उसे जब्त कर लें। जिन जगहों पर ऐसे लोग ठहरे हैं, उनकी सफाई पर विशेष ध्यान दें।’’ मुख्यमंत्री ने बंद खुलने के बाद की कार्ययोजना पर भी विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कहा, ‘‘बंद से प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर की भरपाई के लिए अभी से राज्य, जिला स्तरीय बैंकरों से बात कर रणनीति तैयार करें। रोजगार मेला, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जिला एक उत्पाद और माटी कला बोर्ड आदि के जरिए क्या किया जा सकता है, इसकी भी रणनीति बना लें। ताकि हालात सामान्य होते ही इन पर अमल किया जा सके।’’