नई दिल्ली: इन दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में दिख रहे हैं फिर चाहे मामला अपराध का हो या फिर सरकारी योजनाओं का। एक तरफ तो पुलिस ताबड़तोड़ एनकाउंटर कर रही है और दूसरी ओर सीएम खुद गांव-गांव चौपाल लगा रहे हैं और लोगों की समस्या सुन रहे हैं। मतलब जनता का सीएम, जनता के बीच जाकर समस्याओं को सुन रहा है। ग्राम स्वराज अभियान की शरुआत की गई है और पहले दिन सीएम प्रतापगढ़ पहुंचे थे। दिन में दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे और रात में दलित के घर डिनर किया सीएम योगी आदित्यनाथ ने।
योगी आदित्यनाथ राज्य में विकास और जनहित से जुड़ी योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने और लोगों का नजरिया समझने के लिए प्रतापगढ़ पहुंचे थे। जिस गांव में चौपाल लगायी वहां की जनता खुश थी। 30 साल में पहली बार कोई सीएम गांव की पगडंडियों पर चलता हुआ बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर हिसाब कर रहा था। वैसे सीएम योगी का चौपाल गोरखपुर में भी ऐसे ही सजता था लेकिन तब और अब में बहुत फर्क है। तब सामने सिर्फ गोरखपुर की जनता होती थी, अब पूरा उत्तर प्रदेश है।
जनता से सीधे संवाद के दौरान योगी ने पूछा, 'गांव में शौचालय बना या नही?' इस पर जवाब देते हुए ज्यादातर लोगों ने कहा कि उनके घर में शौचालय नहीं बना है। इस बात को सुनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को ग्रामीणों के सामने ही फटकार लगाई और शौचालयों की जानकारी मांगी। इसके बाद योगी ने अधिकारियों को 24 घंटे के अंदर गांव में शौचालय के पैसे ग्रामीणों के खाते में ट्रांफसर करने का हुकूम सुनाया।
योगी गन्ना मंडी गए तो वहां उन्होंने लोगों को समझाया। अस्पताल गए तो अधिकारियों को समझाया। स्कूल गए तो व्यवस्थापकों को समझाया। विकास का एक बहुत बड़ा नाम है ग्राम स्वाराज अभियान। सीएम योगी ने अपनी हर लाइन में साबित करने की कोशिश की कि प्रदेश के विकास के साथ उनका जुड़ाव कितना गहरा है। प्रतापगढ़ में शाम हो गई थी। सीएम का प्रतापगढ़ में रात्रि विश्राम था लेकिन उससे पहले डिनर और डिनर करने के लिए सीएम ने एक घर को चुना था। कंधई मधूपुर के गांव खूझा पुरवा में रहने वाले दलित परिवार दयाराम सरोज के घर सीएम योगी ने आंगन में रात्रि भोजन किया।
विरोधी कहते हैं चटनी खाकर चूना लगाने की तैयारी है। बीजेपी दलितों को वोट से ज्यादा कुछ नहीं समझती है और सीएम कहते हैं इतिहास खंगाल लें योगी हमेशा से गरीबों के दरवाजे पर गये है। अब सच चाहे जो हो लेकिन इस एक दिन के दौरे से बहुतों का बिगड़ा काम बन गया। किसी को राशन कार्ड, किसी को अटल आवास योजना का लाभ तो किसी को शौचालय के लिए पैसा मिल गया।