लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नियोजन विभाग के तहत बुंदेलखंड पैकेज, त्वरित आर्थिक विकास योजना, बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम और आकांक्षात्मक जिलों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि बुंदेलखंड की आवश्यकता को समझते हुए वहां के लिए परियोजनाएं बनाई जाएं। मुख्यमंत्री ने मंगलवार देर रात शास्त्री भवन में समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश जारी किया। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा वहां पर अभी तक जो कार्य किए गए हैं, उनका मूल्यांकन करते हुए भविष्य की योजनाएं बनाई जाएं।
उन्होंने कहा कि योजनाएं व्यावहारिक हों और वह सिर्फ सरकारी अनुदान तक सीमित न रहकर जनसहभागिता के आधार पर संचालित की जाएं। उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं का उपयोगिता प्रमाणपत्र लम्बित है, उन्हें शीघ्र उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में हर घर और खेत तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। स्प्रिंकलर तथा ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को बढ़ावा दिए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि चेक डैमों के निर्माण में तेजी लाई जाए।
उन्होंने पेयजल परियोजनाओं, निजी नलकूपों के ऊर्जीकरण, सामुदायिक नलकूपों के निर्माण सहित सिंचाई, कृषि, लघु सिंचाई, दुग्ध विकास, उद्यान, पशुधन आदि विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति का विवरण लेते हुए जनसाधारण को इन योजनाओं से लाभान्वित किए जाने के निर्देश दिए।
बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने नेपाल के सीमावर्ती सात जनपदों-बहराइच, बलरामपुर, सिद्घार्थनगर, श्रावस्ती, खीरी, पीलीभीत एवं महराजगंज की विशेष आवश्यकताओं के मद्देनजर योजनाओं के निर्माण के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सड़क, विद्यालय भवन, चिकित्सालय, सी. सी. रोड व नाली निर्माण, शौचालय निर्माण, आंगनबाड़ी केन्द्र, पेयजल, सामुदायिक केंद्र, सोलर पंप और सोलर स्ट्रीट लाइट संबंधी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किया जाए।
मुख्यमंत्री ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के संबंध में निर्देश दिए कि विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को इससे लाभान्वित करते हुए उनका डिजिटाइजेशन तथा आधार लिंकेज सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक विभाग का जेम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित किया जाए। डी.बी.टी. के माध्यम से छात्रवृत्ति की पहली किश्त दो अक्टूबर तथा दूसरी किश्त 26 जनवरी तक दी जानी सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के आठ जनपदों चित्रकूट, सोनभद्र, चंदौली, श्रावस्ती, बहराइच, फतेहपुर, सिद्घार्थनगर और बलरामपुर के संबंध में समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि नीति आयोग के विभिन्न मानकों के आधार पर इन जनपदों में विकास कार्यक्रमों एवं योजनाओं के माध्यम से युद्घ स्तर पर कार्य करते हुए इनका रूपांतरण किया जाए।
उन्होंने कहा कि 10 सितंबर, 2018 के बाद वे इन जनपदों के दौरों पर निकलेंगे। उसके पूर्व इन जनपदों के प्रभारी मंत्री और अधिकारी जनपदों का भ्रमण करें। उन्होंने इन जनपदों में प्राथमिकता के आधार पर अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती, शिक्षकों व चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।