चित्रकूट: उत्तर प्रदेश की चित्रकूट जेल में कैदियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में यूपी के 3 बड़े गैंगस्टर मारे गए हैं। अंशु दीक्षित नाम के कैदी ने पश्चिम उत्तर प्रदेश के बड़े गैंगस्टर मुकीम काला और मेराजुद्दीन की हत्या कर दी, बाद में जेल के अंदर डबल मर्डर करने वाले अंशु दीक्षित को पुलिस ने मार गिराया है। मारे गए गैंगस्टरों में मेराजुद्दीन नाम का अपराधी यूपी के डॉन मुख्तार अंसारी का खास गुर्गा माना जाता है।घटना की जांच और स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रभारी उप महानिरीक्षक कारागार प्रयागराज रेंज, पी एन पांडे चित्रकूट रवाना हो चुके हैं।
बता दें कि जेल में मारा गया मुकीम काला वही अपराधी है जिसने NIA ऑफ़िसर तंजील अहमद को दिन दहाड़े मौत के घाट उतार दिया था। ये वही अपराधी है जिसने तंजील अहमद को मारने से पहले प्रैक्टिस के तौर पर लखनऊ में निर्दोष होटलों मैनेजर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। योगीराज आते ही अपराधियों में ख़ौफ़ का ऐसा माहौल पैदा हुआ कि मुकीम ने अदालत के भीतर कहा था कि मुझे जंजीरों में जकड़ दो ताकि पुलिस मेरे एनकाउंटर का कोई बहाना ना ढूंढ सके।
ये पश्चिम उत्तर प्रदेश का खूंखार अपराधी था, इसने बहुतों के घर उजाड़े हैं। ऐसा कहा जाता है कि 2012 से 2017 के बीच इस खूंखार अपराधी के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कैराना में जो पलायन की स्थिति पैदा हुई थी उसके लिए ये भी जिम्मेदार था। वेस्ट यूपी के कैराना में पलायन का मुख्य आरोपी मुकीम काला था। बता दें, कैराना समेत आसपास के इलाकों में आतंक का पर्याय बना कुख्यात मुकीम उर्फ काला 6 साल पहले अन्य मजदूरों के साथ मकान निर्माण में चिनाई मिस्त्री के साथ मजदूरी करता था। मुकीम काला ने पहली वारदात हरियाणा के पानीपत में एक मकान में डकैती के रूप में अंजाम दी। इस मामले में मुकीम काला जेल गया था उसके बाद उसने अपराध की दुनिया में अपने कदम आगे बढ़ा दिए। मुकीम काला का खौफ वेस्ट यूपी के अलावा हरियाणा के पानीपत और उत्तराखंड के देहरादून में भी फैला है। मुकीम का गैंग पुलिस के रडार पर तब आया जब इन्होंने पुलिस पर भी हमले करने शुरू कर दिए। पुलिस के अनुसार, दिसबंर 2011 में पुलिस एनकाउंटर में मुस्तफा उर्फ कग्गा मारा गया जिसके बाद मुस्तकीम काला ने कग्गा के गैंग की बागडोर संभाल कर वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया।
मुकीम काला के गैंग में डेढ़ दर्जन से अधिक बदमाश शामिल रहे और उन्होंने ताबड़ोड़ दो वर्षों में ही हत्या, लूट, रंगदारी समेत कई जघन्य वारदातों को अंजाम दे दिया। मुकीम काला ने अपने साथियों के साथ एक के बाद एक कई वारदात को अंजाम दिया लेकिन कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पुलिस ने उसे कई बार पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गया। पिछले साल अक्तूबर में पुलिस ने मुकीम काला को उसके साथी साबिर के साथ गिरफ्तार किया।शामली पुलिस के अनुसार, मुकीम काला को गिरफ्तार करने के बाद सहारनपुर जेल में रखा गया था। लेकिन बाद में उसे महाराजगंज जिले की जेल में और बाद में चित्रकूट जेल भेजा गया। पुलिस के अनुसार, वर्तमान में मुकीम काला पर करीब अलग-अलग थानों में करीब 61 अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। मुकीम काला गिरोह का काम लूट, हत्या, डकैती और जबरन रंगदारी वसूलना है।