मेरठ: चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ में सिर्फ डेढ़ लाख रुपए में अयोग्य छात्रों को डॉक्टर बनाने वाले एक गिरोह का एसटीएफ ने भंडा फोड़ किया है। खास बात ये ही कि डॉक्टर बनाने वाले पकड़े गए तीनों आरोपी खुद इंटर से ज्यादा पढ़े लिख नहीं है। गिरोह का मुखिया कपिल खुद पांचवी पास है। एसटीएफ की जांज के अनुसार ये गैंग पिछले करीब चार सालों से ये काम कर रहा था। अब तक अनुमान है कि करीब 500 छात्रों के ये गैंग पैसे लेकर एमबीबीएस की परीक्षा पास करा चुका है। इस पूरे मामले में अभी एसटीएफ मेरठ यूनिवर्सिटी के प्रशासन की भूमिका की भी जांच कर रहा है।
साल 2014 से सक्रिय ये गिरोह करीब डेढ़ से दो लाख रुपए लेकर परीक्षा की कॉपी बदल देता था। इस गिरोह का मुखिया खुद यूनिवर्सिटी में संविदा पर काम करने वाला चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कपिल है। कपिल खुद ही यूनिवर्सिटी के स्टोर रूम से खाली उत्तर पुस्तिका निकालता था। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो उत्तर पुस्तिका भी बरामद की है। शक है कि उत्तर पुस्तिका बदलकर जो नई उत्तर पुस्तिका उसकी जगह पर रखी जाती थी उसे लिखने में उच्छ श्रेणी के प्रोफेसर तक मिले हुए हो सकते हैं। पुलिस इसे बड़ा खेल मान रही है और अब तक करोड़ो रुपए के लेन देन होने की बात कह रही है। इस मामले के सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया है। यूनिवर्सिटी अब आंसर शीट के लिए बार कोड इस्तेमाल करने की बात कर रही है।