नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्नाव गैंगरेप मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी से फिलहाल पल्ला झाड़ लिया है। यूपी के डीजीपी ओ पी सिंह ने कहा कि ने कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी पर फैसला सीबीआई करेगी। यानी अब यूपी पुलिस सेंगर को गिरफ्तार नहीं करेगी। डीजीपी ने ये भी कहा कि जब तक विधायक को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक वो आजाद घूम सकते हैं। डीजीपी ने कहा कि विधायक पर सिर्फ आरोप लगे हैं, वो दोषी नहीं है। हालांकि यूपी पुलिस ने ये भी कहा कि पर्याप्त सबूतों के आधार पर कार्रवाई होगी। डीजीपी ने इस बात से भी इनकार किया कि वो विधायक कुलदीप का बचाव कर रहे हैं।
वही, यूपी के प्रमुख सचिव, गृह अरविंद कुमार ने कहा कि धारा 164 के तहत दिए गए बयान में पीड़िता ने विधायक का नाम नहीं लिया था। लड़की के बयान के आधार पर 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जेल भेजने से पहले पीड़िता के पिता की मेडिकल जांच नहीं की गई थी, इसमें अस्पताल की लापरवाही भी सामने आ रही है। पीड़ित लड़की के पिता की मौत की जांच सीबीआई को सौंप दिया गया है।
इससे पहले एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद हुई कार्रवाई के तहत बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के ख़िलाफ़ FIR दर्ज कर ली गई है। कुलदीप सिंह के खिलाफ लड़की को किडनैप करने का केस दर्ज हुआ है।
किन धाराओं में FIR?
धारा जुर्म सज़ा
IPC- 376 रेप 7 साल से उम्र कैद तक
पॉक्सो एक्ट नाबालिग से रेप उम्र कैद तक
IPC- 506 जान से मारने की धमकी 7 साल और जुर्माना
IPC- 366 जबरन भगाना 10 साल और जुर्माना
IPC- 323 मारपीट करना 1 साल और जुर्माना
इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कई पुलिसवाले पहले ही नप चुके हैं। अब एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद योगी सरकार ने एक और पुलिसवालों पर कार्रवाई की है। सफीपुर के सीओ कुंवर बहादुर सिंह को पीड़ित परिवार से लगातार शिकायत मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने पर सस्पेंड कर दिया गया है। इन सबके अलावा योगी सरकार ने गैंगरेप पीड़ित और उसके परिवार को पर्याप्त सुरक्षा देने का भी ऐलान किया है। एसआईटी टीम को पीड़ित परिवार ने अपनी जान का खतरा बताया था और कहा था कि विधायक के गुर्गे उन्हें मार सकते हैं।