गढ़चिरौली: नक्सलवाद प्रभावित महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के एक गांव के निवासियों ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पुलिस ने देश के सबसे बड़े नक्सलवाद रोधी अभियान में बीते महीने कम से कम आठ बेगुनाह युवाओं को मार गिराया है। इन आठ में पांच लड़कियां शामिल हैं। गत्तेपल्ली के गांव के लोगों ने 22-23 अप्रैल के अभियान की न्यायिक जांच और क्रैक यूनिट सी-60 के कमांडो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
सी-60 ने दोहरे सुरक्षा अभियान को अंजाम दिया और कसनसूर के जंगलों में 40 नक्सलियों को मार गिराया था। गढ़चिरौली के कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा है कि आठ युवा गत्तेपल्ली से कसनसूर के लिए 21 अप्रैल को सोमू रैनू माडवी की शादी में शामिल होने गए थे। इन युवाओं की उम्र 15 से 25 वर्ष के बीच थी।इस शादी में गए दो -गोंगलू मुका गावडे व तुलसी चैतू गावडे- रविवार (22 अप्रैल) को लौट आए, जबकि कसनसूर में शादी में गए बाकी के आठ युवा वापस नहीं लौटे। गत्तेपल्ली से कसनसूर 25 किमी दूर है।
इसके बाद 23 अप्रैल को परिवारों ने इनकी छानबीन शुरू की और अपने गायब परिजनों के लिए कसनसूर गए, लेकिन वे उन्हें खोजने में विफल रहे। अगले दिन 24 अप्रैल को परेशान परिवारों ने आखिरकार स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस परिवारों को विभिन्न शवगृहों में ले गई, जहां 40 नक्सलियों के शव रखे गए थे।ग्रामीणों ने कहा कि मारे गए नक्सलियों में एक शव की पहचान बुजी कर्वे उसेंदी के रूप में की गई। यह गायब युवाओं में से एक था। इसकी पहचान शादी के लिए जाने के दौरान पहने गए कपड़ों से हुई। इसके बाद करीब 40 ग्रामीणों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर कलेक्टर को सौंपा है और पुलिस पर आरोप लगाया है कि बार-बार आवेदन के बाद भी पुलिस उन्हें अपने गायब अन्य परिजनों के शवों के शिनाख्त की इजाजत नहीं दे रही है।