कानपुर (उत्तर प्रदेश)। कानपुर देहात जिले के एक सरकारी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में स्कूल के कुछ छात्रों द्वारा स्वेटर और ऊनी वस्त्र पहने बगैर योग किए जाने की भ्रामक खबरें फैलाने के आरोप में तीन पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। कानपुर देहात के अकबरपुर थानाध्यक्ष तुलसी राम पांडे ने बुधवार को बताया कि कानपुर देहात के बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनीत दत्त की शिकायत पर पत्रकार मोहित अमित और यासीन के खिलाफ भारतीय दंड विधान की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि दत्त ने पत्रकारों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अकबरपुर इलाके के एक सरकारी स्कूल में छात्रों द्वारा योग और अन्य व्यायाम किए जाने का वीडियो वायरल करते हुए भ्रम फैलाया कि स्कूल के बच्चे बिना ऊनी कपड़े पहने कड़ाके की सर्दी में व्यायाम करने को मजबूर हैं, जबकि यह सच नहीं है।
दत्त ने आरोप लगाया कि पत्रकारों ने खबर में यह कहा कि स्कूल के बच्चे कड़ाके की ठंड में ऊनी कपड़ों के बगैर योग करने को मजबूर हैं और अधिकारी कार्यक्रम में मस्त हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारों ने इस मामले पर उनसे प्रतिक्रिया लेने के दौरान उन्हें धमकाया कि अगर वह उनका कहा नहीं मानेंगे तो ठीक नहीं होगा। पांडे ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी के मुताबिक सच्चाई यह है कि बच्चे ऊनी कपड़े पहने हुए थे और चूंकि व्यायाम ऊनी कपड़े पहनकर नहीं किया जा सकता लिहाजा उनसे कुछ देर के लिए स्वेटर उतारने को कहा गया था। उसके बाद फौरन ही उन्हें ऊनी वस्त्र पहना दिए गए थे।
कानपुर देहात के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र ने इस बारे में कहा यह बहुत तकलीफदेह है कि कुछ पत्रकार जो कि उस कार्यक्रम में मौजूद भी नहीं थे उन्होंने ऐसी गलत खबर फैलाई। आप सभी जानते हैं कि स्वेटर और कोट पहनकर योग नहीं किया जा सकता। सूत्रों के मुताबिक स्कूल में यह कार्यक्रम पिछले रविवार को उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस पर आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अजीत पाल सिंह, अनेक विधायक और सरकारी अधिकारी भी शामिल हुए थे।
मामले के आरोपी पत्रकार अमित सिंह ने इस बारे में कहा कि स्कूल के बच्चे कड़ाके की सर्दी में मामूली शर्ट और पैंट पहनकर योग कर रहे थे। यह कतई न्याय संगत नहीं है। वहां मौजूद अधिकारियों को मौसम का ख्याल रखना चाहिए था। बहरहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।