फिरोजाबाद। यूपी के फिरोजाबाद जिले में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर बीस दिसंबर को प्रदर्शन के दौरान उपद्रव के आरोप में गिरफ्तार लोगों की जमानत अर्ज़ी सत्र न्यायालय से खारिज हो गईं हैं। अपर सत्र न्यायाधीश आजाद सिंह ने आरोपी मोहम्मद मतीन, इमरान एवं कासिम के ज़मानत प्रार्थनापत्रों पर दोनों पक्षों को सुनने एवं केस डायरी पर उपलब्ध साक्ष्य का गहनता से अध्ययन करने के बाद तीनों आरोपियों के अलग-अलग ज़मानत प्रार्थनापत्रों को खारिज कर दिया।
इससे पूर्व अन्य आरोपियों के ज़मानत प्रार्थना पत्र खारिज हो चुके हैं। बचाव पक्ष की ओर से तर्क किया गया कि एफआईआर के अनुसार घटना स्थल से 11 ज़िन्दा व 81 अदद खोखा कारतूस 315 बोर तथा 5 ज़िन्दा व 18 अदद खोखा कारतूस 315 बोर बरामद होना दर्शाया और अभियुक्तगण के पास से बरामद दर्शाये गए कारतूस व तमंचे आदि का कोई मिलान नहीं किया गया है और बरामदगी फ़र्ज़ी दर्शायी गई है।
पुलिस व जनता के बीच नोंक झोंक होने के बाद मकान व मस्जिद के पास से गिरफ्तारियां करके झूठा फंसाया गया है। शासन की ओर से वकील ने कहा कि अभियुक्तों द्वारा एकत्रित होकर पुलिसकर्मियों पर फायर किए गए और पांच पुलिसकर्मियों को आग्नेयास्त्र से चोटें आईं है। पुलिसकर्मियों को जान से मारने का प्रयास किया गया। अभियुक्तग द्वारा हाथों में सरिया, डंडा व पत्थर आदि लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग दो पर प्रदर्शन करते हुए वाहनों की तोड़फोड़ की और आग लगा दी। सामान्य जीवन को खतरनाक ढंग से प्रभावित किया गया है।
विवेचना पूर्ण नहीं हुई है। ज़मानत की दशा में विवेचना की कार्यवाही भी प्रभावित होना संभावित है। कथित प्रकरण की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्तों को जमानत पर रिहा किये जाने का पर्याप्त आधार नहीं पाया गया। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर गत 20 दिसंबर को विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस और लोगों के बीच संघर्ष हुआ था।