लखनऊ: बुलंदशहर हिंसा को लेकर जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के कुछ ही घंटे में वहां के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित तीन पुलिस अधिकारियों को हटा दिया गया। बुलंदशहर हिंसा में एक पुलिस निरीक्षक समेत दो लोगों की मौत हो गयी थी। प्रमुख सचिव (गृह) अरविन्द कुमार ने बताया कि बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कृष्ण बहादुर सिंह को हटाकर उन्हें लखनउ स्थित पुलिस महानिदेशक कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सीतापुर के पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी अब बुलंदशहर के नए एसएसपी बनाए गए हैं।
सरकार ने बुलंदशहर में स्याना के पुलिस क्षेत्राधिकारी सत्य पकाश शर्मा और चिंगरावती पुलिस चौकी के प्रभारी सुरेश कुमार के भी तबादले कर दिये। अपर पुलिस महानिदेशक (खुफिया) एस बी शिरोडकर ने कल रात आला अधिकारियों को गोपनीय जांच रिपोर्ट सौंपी और समझा जाता है कि रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर ही तबादले किये गये। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच भी चल रही है। सोमवार की घटना के छोटे से छोटे बिन्दु और वीडियो फुटेज को ध्यान से खंगाला जा रहा है। दूसरी ओर सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के भी आदेश दिये हैं। सोमवार को भीड़ की हिंसा में एक पुलिस निरीक्षक और एक युवक की मौत हो गयी थी।
पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह अखलाक हत्या मामले में 28 सितंबर 2015 से नौ नवंबर 2015 तक जांच अधिकारी थे। सिंह परिवार वालों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें न्याय दिलाने का वायदा किया और कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने परिवार वालों को असाधारण पेंशन और 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद भी देने का फैसला किया है।
बजरंग दल नेता योगेश राज मामले के संदिग्धों में शामिल है और वह इस समय फरार है। बुधवार को राज ने एक वीडियो जारी कर खुद को बेकसूर बताया था। मीडिया में आयी खबरों के परिप्रेक्ष्य में जब मामले में सेना के किसी जवान के कथित रूप से शामिल होने के बारे में सवाल किया गया तो पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) एस के भगत ने बताया कि मामले में जीतू फौजी भी आरोपी है।