नई दिल्ली: एक तरफ जहां दिल्ली एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा बिक्री पर 31 अक्टूबर तक पूरी तरह रोक लगा दी है तो वहीं दिल्ली से ही 100 किलोमीटर के अंदर एक दूसरी ही तस्वीर दिखाई पड़ती है। बुलंदशहर के जंगलों में धड़ल्ले से पटाखा फैक्ट्री चलाई जा रही है और इसमें मासूम बच्चों से पटाखा बनवाया जा रहा है। बच्चे बारूद की ढेर पर बैठकर खतरनाक पटाखे बना रहे हैं। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के डिबाई थाना क्षेत्र में पटाखों की ये फैक्ट्री गैरकानूनी रूप से चल रही है। ये भी पढ़ें: महिलाओं को प्रसाद के तौर पर गाली देता है यह सीटीबाज बाबा
जब यहां काम करने वाले से बच्चों को लेकर सवाल पूछा तो ये शख्स कहता है..
मजदूर - हम 5-6 लोग हैं..
रिपोर्टर - जो मासूम बच्चे लगे हुए हैं..
मजदूर - ना..कोई मासूम बच्चे नहीं हैं..मासूम बच्चा कोई भी नहीं है यहां पर...
रिपोर्टर - सारे बच्चे काम कर रहे हैं यहां पर
मजदूर - बड़े-बड़े हैं यहां पर सब..बालक कोई नहीं है..
रिपोर्टर - आपके बराबर में भी बच्चे काम कर रहे हैं..
मजदूर - ना कोई भी बच्चा किसी के पास नहीं मिलेगा..
यहां एक दो नहीं बल्कि इस तरह की 4 अवैध पटाख फैक्ट्री चल रही है। यहां काम कर रहे इन मासूमों को पहले ही सिखाया गया है कि जैसे ही कोई पूछताछ के लिए आये तो फौरन या तो भाग खड़े होना है या फिर काम छोड़ देना है। कैमरे पर कोई भी बात करने को राज़ी नहीं हुआ। मासूमों की इस खतरनाक पटाखों की फैक्ट्री के हालात से बुलंदशहर प्रशासन अभी तक अंजान है।
हालांकि, एसडीएम जांच कराने की बात जरूर कर रहे हैं लेकिन जिन बच्चों के हाथ में कॉपी-किताब होना चाहिये उनको चंद रुपये कमाने के लिए बारूद के ढेर पर बिठा दिया गया है। उनकी ज़िंदगी से खिलवाड़ कर उनसे पटाखे तैयार कराए जा रहे हैं।