नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर सोमवार को गोकशी की आग में जल उठा। कथित गोहत्या के शक में उपजी हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत दो लोगों की मौत हो गई। एसआई से लेकर ड्राइवर तक बताते हैं कि माहौल ऐसा हो गया था कि जान बचाने के लिए कोई पुलिस वाला झाड़ियों में छिप गया था तो कोई थाने की दीवार फांद रहा था। चिंगरावटी के थाना इंचार्ज ने बताया कि तीन गांव के सैकड़ों लोगों ने 10 पुलिस वालों पर एक साथ हमला बोला था।
चश्मदीदों के मुताबिक सुबह 10 बजे एक खेत में गोवंश का मांस मिला था जिसके बाद गांव वाले उसके मांस को लेकर हाईवे पर बैठ गए। लोगों की मांग थी कि एफआईआर दर्ज की जाए और इलाके में चल रहे स्लाटर हाउस को बंद किया जाए। पुलिस एफआईआर दर्ज करने के लिए तैयार हो गई थी लेकिन कुछ लोग पुलिस पर पत्थरबाजी करने लगे जिसके बाद पुलिस लाठी चार्ज और हवाई फायरिंग करने लगी।
इसके बाद सैकड़ों की संख्या में गांव वाले पुलिसवालों पर टूट पड़े और सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर मारने लगे। सुबोध कुमार के ड्राइवर ने सोचा खेतों के जरिए भाग जाते हैं लेकिन गांव वालों की फायरिंग में सुबोध कुमार शहीद हो गए। इस हंगामे में जिस थाने को जलाया गया उसके ठीक पीछे एक कॉलेज है। कॉलेज के माली बताते हैं जब हमला हो रहा था, तो पुलिस वाले थाने की दीवार को तोड़कर कॉलेज की तरफ भाग रहे थे।
एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि स्याना के महाव गांव के खेतों में रविवार रात 25-30 मवेशी काट दिए गए थे। करीब 400 लोग मवेशियों के टुकड़े ट्रैक्टर में लेकर चिंगरावटी चौकी पहुंचे और सड़क जाम कर दी। बातचीत से मामला न सुलझने पर पुलिस ने जबरन जाम खुलवाने की कोशिश की। इस पर भीड़ ने पथराव कर दिया, जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध घायल हो गए।
वहीं डीएम ने दावा किया कि सुबोध को कुछ लोगों ने उनकी ही जीप में लादा और खेतों की ओर ले गए। वहां उन्हें उल्टा लटकाकर पीटा और गोली मार दी। उनकी जीप भी जला दी। बुलंदशहर ढाई घंटे तक जलता रहा। कहीं कारें जल रही थी तो कहीं मोटरसाइकिल। पुलिस ने 27 लोगों को नामजद आरोपी बनाया है और 50 से 60 लोगों पर भी केस दर्ज किए गए हैं।