बदायूं: उत्तर प्रदेश में बदायूं जिले के मूसाझाग थाने के एक गांव में सोमवार को कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई एक नाबालिग लड़की ने बुधवार की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामले को लेकर पीड़िता के परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली पर उंगली उठाई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने गुरुवार को कहा कि मूसाझाग थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग लड़की बुधवार की रात अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। उसके परिजनों ने सोमवार को तीन युवकों के खिलाफ कथित रूप से अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म करने की प्राथमिकी दर्ज कराई है, लेकिन चिकित्सीय जांच में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी।
उन्होंने कहा कि मामले में मुख्य आरोपी को जेल भेज दिया गया है और दो अन्य नामजद आरोपियों की तलाश की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि जांच के दौरान जेल भेजे गए आरोपी और लड़की के बीच दो माह के अंतराल में फोन पर 122 बार बातचीत हुई थी।
उधर, लड़की के भाई ने आरोप लगाया कि घटना के बाद थाने की पुलिस ने पहले मामले को छिपाने की कोशिश की, बाद में काफी प्रयास के बाद सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था। पुलिस ने ही आरोपियों के बचाव में चिकित्सकों से मिलकर दुष्कर्म न होने की रिपोर्ट बनवाई है और पुलिस की इसी कार्रवाई से क्षुब्ध होकर उसकी बहन ने आत्महत्या की है।