नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होते ही बढ़ रहे अपराधों को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कमिश्नरी सिस्टम सवाल उठा दिए हैं। नोएडा और लखनऊ में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम में पुलिस के अधिकार को लेकर बहस शुरू हो गई है।
बीएसपी चीफ मायावती ने ट्विट कर कहा है कि 'उत्तर प्रदेश में केवल कुछ जगह पुलिस व्यवस्था बदलने से नहीं बल्कि आपराधिक तत्वों के विरुद्ध दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कानूनी कार्रवाई करने से ही प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था में सही सुधार आ सकता है जिसकी तरफ सरकार को ध्यान देना चाहिए।
बता दें कि देश के 15 राज्यों के 71 शहरों में कमिश्नरेट प्रणाली पहले से लागू है। गौरतलह है कि पुलिस कमिश्नरी सिस्टम सिस्टम से शहरों में कानून व्यवस्था दुरुस्त होने के दावे से रिटायर्ड आईएएस अधिकारी इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उनका तर्क है कि नए सिस्टम से आम लोगों का जो संवाद डीएम के माध्यम से प्रशासन से होता है, वह नहीं हो सकेगा।
विपक्षी एकजुटता को भी मायावती ने दिया झटका, कांग्रेस को कहा 'विश्वासघाती'
नागरिकता कानून, एनसीआर और जेएनयू के मुद्दे पर आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्ष की बैठक बुलाई थी लेकिन बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस बैठक में जाने से इनकार कर दिया है और ट्विटर इस फैसले के पीछे की वजह भी बताई है। उन्होंने कहा, 'जैसा कि विदित है कि राजस्थान कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहाँ बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है'।
उन्होंने आगे कहा, 'ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा, इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।' मायावती ने कहा कि वैसे भी बीएसपी CAA/NRC आदि के विरोध में है। केन्द्र सरकार से पुनः अपील है कि वह इस विभाजनकारी व असंवैधानिक कानून को वापिस ले। साथ ही, JNU व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण।
आपको बता दें कि छात्रों के विरोध और नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के चलते वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए आज यानी सोमवार को विपक्षी दल दोपहर में बैठक करेंगे।