लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने केन्द्र सरकार से शनिवार को कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी पर अपनी जिद छोड़कर अपने फैसले वापस ले। मायावती ने ट्वीट किया, ''अब तो सीएए और एनआरसी के विरोध में केन्द्र सरकार के राजग में भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं। अतः बसपा की मांग है कि वे अपनी जिद छोड़कर इन फैसलों को वापस ले।'' उन्होंने प्रदर्शनकारियों से भी अपील है कि वे अपना विरोध शान्तिपूर्ण ढंग से ही प्रकट करें।
मायावती ने इससे पहले एक ट्वीट में कहा था कि देश एवं व्यापक जनहित में केन्द्र को चाहिए कि वह नए नागरिकता कानून को वापस लेकर अर्थव्यवस्था की बदहाली, बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी, रूपए की गिरती कीमत आदि की राष्ट्रीय समस्याओं को दूर करने पर ध्यान केन्द्रित करे।
उल्लेखनीय है कि बसपा का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से मिला था और उसने इस मुद्दे को उठाया था। पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में रविवार को हुई हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की थी। साथ ही नागरिकता कानून को वापस लेने की भी मांग की थी।
वहीं, राज्य के कई हिस्सों में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “नागरिकता कानून पर फैलाए जा रहे भ्रम और बहकावे में कोई भी न आए। प्रदेश में हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने का दायित्व उत्तर प्रदेश सरकार का है और यूपी पुलिस हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान कर रही है।”
बता दें कि शुक्रवार को यूपी में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। इससे पहले छह लोगों के मरने की खबर थी। लेकिन, अब यह आंकड़ा बढ़कर 11 हो गया है। हालातों को संभालने के लिए गाजियाबाद, लखनऊ, संभल, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, बरेली, आगरा, पीलीभीत, फिरोजाबाद, हमीरपुर, प्रयागराज, मऊ और आजमगढ़ में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
(इनपुट- भाषा)