लखनऊ/वाराणसी: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (UP ATS) ने सोमवार देर रात को भारतीयों की पहचान चुराकर व मोटी रकम लेकर नेपाल के लोगों को सेना में भर्ती कराने वाले दलाल चंद्र बहादुर खत्री को गिरफ्तार किया। मूल रूप से नेपाली दलाल चंद्र बहादुर खत्री सेना का बर्खास्त सिपाही है। बर्खास्त होने के बाद 26 सालों से वाराणसी में किराए के मकान में रह रहा था और उसकी कोशिश पैसे लेकर नेपालियों को सेना में भर्ती कराने की रहती थी। पुलिस ने सोमवार को पकड़े गए नेपाली विष्णु लाल भट्टाराय उर्फ दिलीप गिरी से पूछताछ के आधार पर सोमवार देर रात को कैंट थाना क्षेत्र के सदर बाजार से उसे गिरफ्तार कर लिया।
उत्तर प्रदेश ATS के IG असीम अरुण ने मंगलवार को बताया, ‘एटीएस ने दलाली कर सेना में भर्ती कराने वाले चंद्र बहादुर खत्री को सोमवार देर रात वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र सदर बाजार इलाके से गिरफ्तार कर लिया। पकड़ा गया दलाल चंद्र बहादुर मूल रूप से नेपाल के जिला बागलोन थाना हटिया के गल कोट का रहने वाला है और सेना का बर्खास्त सिपाही है। वह गलत ढंग से 1982 में भारतीय सेना की गोरखा रेजीमेंट में गोरखपुर से भर्ती हुआ था। उसे वर्ष 1991 में सेना से बर्खास्त कर दिया गया था।’ उन्होंने बताया कि उसके पिता भीम बहादुर भी सेना के गोरखा रेजीमेंट में सिपाही रहे हैं, जो इस वक्त सेवानिवृत्त हैं।
IG ने बताया, ‘बर्खास्तगी के बाद चंद्र बहादुर वाराणसी सेना रेजिमेंट के आसपास किराए का मकान लेकर रहने लगा। नेपाल से सेना में भर्ती होने के लिए आने वाले युवक इसके लक्ष्य पर रहते थे। वह 39 जीटीसी सेना रेजिमेंट वाराणसी में नेपाल से आने वाले युवकों से संपर्क कर स्थानीय प्रमाण पत्र, आवास शैक्षिक प्रमाण पत्र के फर्जी प्रमाण पत्रों को बनवा कर नेपाली मूल के लड़कों से दलाली के पैसे लेता था और उन्हें सेना में भर्ती कराने का काम करता था। पूछताछ में दलाल चंद्र बहादुर से पता चला कि वह वर्ष 2010 में फर्जी दस्तावेज बनाने के मामले में वाराणसी के चेतगंज थाना से जेल जा चुका है।’
उसके विरुद्ध फर्जी दस्तावेज बनाने तथा शस्त्र अधिनियम के संबंध में 2 मुकदमे वाराणसी थाना चेतगंज में रजिस्टर्ड हैं। दिलीप गिरी उर्फ विष्णु लाल भट्टाराय को भी सेना में भर्ती होने के लिए इसी ने ही फर्जी प्रमाण पत्र आदि उपलब्ध कराए थे।’ IG ने बताया कि दोनों गिरफ्तार अभियुक्तों दिलीप तथा चंद्र बहादुर से पूछताछ जारी है। इससे जुड़े अन्य लोंगो की गिरफ्तारियां भी संभव हैं। एटीएस के निरीक्षक विजय मल यादव द्वारा इन्हें मंगलवार को संबंधित न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेने का प्रयास किया जाएगा।